डीजीपी मुकुल गोयल एकाएक हजरतगंज कोतवाली का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां अभिलेख न तो दुरुस्त मिले और न ही ठीक ढंग से रखरखाव पाया गया। साथ ही पूरे परिसर में साफ-सफाई भी नहीं मिली। डीजीपी ने कहा कि इसी परिसर में तीन अधिकारी बैठते हैं, ऐसे में खामियां मिलना गंभीर बात है। उन्होंने खामियां दूर कराने के साथ ही लापरवाही मिलने पर इंस्पेक्टर हजरतगंज को हटाने व जांच के भी निर्देश दिए हैं।
डीजीपी मुकुल गोयल शनिवार दोपहर करीब तीन बजे एकाएक हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए। उनके साथ जनरल स्टाफ अफसर रवि जोसेफ व पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी थे। डीजीपी सबसे पहले डीसीपी (सेंट्रल) ख्याति गर्ग के दफ्तर में गए। इसके बाद उन्होंने महिला हेल्प डेस्क का जायजा लिया।
रजिस्टर पर दर्ज एक शिकायतकर्ता के नंबर पर कॉल कर शिकायत के निस्तारण को लेकर फीडबैक लिया। रजिस्टर में अधिकतर मोबाइल गुम होने की शिकायतें ही मिलीं। उन्होंने कहा कि महिला हेल्प डेस्क का संचालन इस तरह सुनिश्चित किया जाए कि पीड़िता वहां आकर समस्या बता सके।
इसके बाद डीजीपी ने महिला थाने का जायजा लिया। शिकायतों के रजिस्टर देखे और एक-दो फरियादियों से बात भी की। फिर वह साइबर सेल गए, जहां साइबर ठगी के शिकार दो लोग शिकायत करने पहुंचे थे, जिन्हें साइबर सेल के आरक्षी आवश्यक जानकारी दे रहे थे। डीजीपी ने सराहना की और जागरूक करने को कहा।
2 of 5
यूपी डीजीपी
- फोटो : amar ujala
डीजीपी ने अभिलेखों व विभिन्न रजिस्टर भी जांचे। डीजीपी के मांगने पर कुछ रजिस्टर तो ढूंढने पड़े जबकि कुछ कागजात तो मिले ही नहीं। कुछ रजिस्टर अपडेट नहीं थे। तो कुछ में निर्धारित निरीक्षण का ब्योरा ही दर्ज नहीं मिला। डीजीपी ने कहा कि रिकॉर्ड के रखरखाव में सुधार की जरूरत है। हजरतगंज कोतवाली परिसर में ही तीन अधिकारी बैठते हैं। महिला थाना व साइबर सेल भी यहीं है। ऐसे में निर्धारित निरीक्षण के साथ ही समय-समय पर औचक निरीक्षण होना चाहिए।
डीजीपी ने मीडिया से बातचीत भी की। बताया कि निरीक्षण में अभिलेखों व रजिस्टरों का रखरखाव दुरुस्त नहीं मिला और परिसर में साफ-सफाई भी नहीं पाई गई। इससे साफ है कि इंस्पेक्टर हजरतगंज काम में पर्याप्त रुचि नहीं ले रहे हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को इंस्पेक्टर को हटाकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इंस्पेक्टर इस वक्त डेंगू से पीड़ित हैं और इलाज करवा रहे हैं।
बीट के बारे जानकारी न दे सकीं पुलिसकर्मी
डीजीपी ने उपनिरीक्षक निशा सिंह व आरक्षी रेणुका से उनकी बीट के मोहल्लों के बारे में पूछा। दोनों ने इसकी जानकारी दी तो डीजीपी ने पूछा कि आपने अपनी बीट में अब तक कितने लोगों से मुलाकात की? क्या किसी की शिकायत का निस्तारण किया? आपकी बीट का आखिरी क्राइम क्या है? इस पर दोनों ने तैनाती के दो सप्ताह ही होने की बात कही। डीजीपी ने डीसीपी (सेंट्रल) ख्याति गर्ग को महिला बीटों पर तैनात पुलिसकर्मियों को उनके काम के बारे में ठीक ढंग से समझाने को कहा है। साथ ही बीट की महिला प्रभारी व आरक्षी से कहा कि अपने क्षेत्र के मोहल्लों में जाकर खासकर बुजुर्ग व अकेली महिलाओं और बच्चों से बात करेें। उन्हें हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताएं। लोगों को अपना नंबर दें, ताकि जरूरत पर लोगों को न सिर्फ मदद मिले बल्कि हर घटना की सूचना भी तुरंत मिल सके।
5 of 5
निरीक्षण के दौरान डीजीपी मुकुल गोयल।
- फोटो : amar ujala
साइबर क्राइम के पीड़ितों को हर थाने में मिलेगी मदद
डीजीपी ने कहा कि साइबर क्राइम काफी तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश के 18 जिलों में ही साइबर क्राइम थाने हैं। मगर जल्द ही हर जिले में एक-एक साइबर थाना होगा। साथ ही प्रदेशभर के सभी थानों में इस तरह से व्यवस्था की जाएगी कि साइबर क्राइम का शिकार हुए लोगों को कम से कम उचित सलाह तो तुरंत मिल ही सके।