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तेजी से बढ़ रहे दिल के मरीज: युवा हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी, बेरोजगारी व आर्थिक तंगी भी एक वजह

माई सिटी रिपोर्टर, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 20 Oct 2021 02:45 PM IST
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Youth are being patient of heart diseases.
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : iStock
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दिल के मरीजों के लिए यूं तो सर्दी का मौसम मुश्किल वक्त माना जाता है। क्योंकि इस मौसम में आमतौर पर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन इस बार ठंड आने से दो माह पहले ही राजधानी के अस्पतालों में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पिछले माह के मुकाबले करीब 40 फीसदी ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। खास ये कि इसमें बुजुर्गों के साथ ही 30 से 35 साल के युवाओं की संख्या भी करीब 30 फीसदी के आसपास है। यह कोरोना का असर है, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि कोविड के दौरान इलाज बाधित रहना, इलाज में लापरवाही, बिगड़ी दिनचर्या, कोविड में अपनों को खोने या बेरोजगारी की टेंशन इसकी वजह हो सकती है।

लखनऊ में दिल के रोगियों के इलाज का सबसे बड़ा केंद्र केजीएमयू ही है। कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान यहां भले ही सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई थी, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं। केजीएमयू में एक माह पहले 300 से 400 मरीज दिल से जुड़ी शिकायत लेकर पहुंच रहे थे, लेकिन इस समय यह संख्या 500 के पार पहुंच रही है। हालांकि, यहां अभी सीमित संख्या में 200 मरीज ही ओपीडी में देखे जा रहे हैं। इससे बाकी मरीजों के लिए मुश्किल हो रही है।
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Youth are being patient of heart diseases.
- फोटो : Pixabay
दिल के इलाज का दूसरा बड़ा केंद्र डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान है। यहां भी ऐसे मरीजों की संख्या 100 से सवा सौ तक पहुंच रही है, जबकि एक माह पहले तक 50 से 60 मरीज ही पहुंच रहे थे। इसी तरह बलरामपुर अस्पताल में 70 से 80 मरीज तो सिविल अस्पताल में करीब 50 मरीज रोजाना दिल के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
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Youth are being patient of heart diseases.
- फोटो : iStock
कोविड का प्रभाव स्पष्ट नहीं
लोहिया संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भुवन तिवारी ने बताया कि इस बार सर्दी से पहले ही दिल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इनमें बुजुर्ग के साथ ही युवा मरीज भी शामिल हैं। इसके पीछे कोविड का प्रभाव स्पष्ट नहीं है। यह तो शोध के बाद ही पता चल सकता है। हां, कई अन्य कारण जरूर हो सकते हैं।
Youth are being patient of heart diseases.
कोविड के दौरान लोगों ने बीपी व शुगर जैसी बीमारियों के इलाज में काफी लापरवाही बरती है। लोगों में टहलने की आदत भी कम देखने को मिल रही है। कोविड के दौरान अपनों को खोने का दर्द, नौकरी जाने, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी जैसे कई कारणों से लोगों में तनाव की मात्रा बढ़ी है। ये कारण भी कहीं न कहीं दिल के रोग को बढ़ाते हैं।
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Youth are being patient of heart diseases.
कम उम्र वालों को भी शिकायत
सिविल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार यादव ने बताया कि सिर्फ बड़ी उम्र के लोग ही नहीं, कम आयु वर्ग के भी काफी लोग ओपीडी में दिल की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कुल मामलों में इनकी संख्या 30 फीसदी तक है। इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
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