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MP News: एमपी में दो साल की सजा के बाद भी दो MLA की विधायकी बरकरार, पांच पर लटकी है तलवार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 25 Mar 2023 04:22 PM IST
सार

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का आचार सिंहिता के उल्लंघन का मामला भी अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 2008 के मामले में कांग्रेस प्रत्याशी राजेश भारती ने पेड न्यूज का मामला लगाया था। जिसमें चुनाव आयोग ने मिश्रा को तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया था। इस मामले में अभी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

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MP News: Legislature of two MLAs intact even after two years in MP, sword hangs on five
खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक राहुल सिंह लोधी - फोटो : सोशल मीडिया
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जिस लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत चली गई, उसी में मध्य प्रदेश के विधायक अपनी सदस्यता बचाने में सफल रहे हैं। सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह और पवई से विधायक प्रहलाद लोधी को कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाई थी, लेकिन दोनों की विधायक अभी बरकरार है। इसके अलावा अशोक नगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी फर्जी जाति प्रमाण पत्र, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को निर्वाचन आयोग से जानकारी छिपाने का दोषी मानते हुए कोर्ट ने निवार्चन शून्य करने के निर्देश दिए थे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को उच्च न्यायालय से स्टे लाने का मौका देकर विधायकी बचा ली।

वहीं, वर्तमान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का आचार सिंहिता के उल्लंघन का मामला भी अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 2008 के मामले में कांग्रेस प्रत्याशी राजेश भारती ने पेड न्यूज का मामला लगाया था। जिसमें चुनाव आयोग ने मिश्रा को तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया था। इस मामले में अभी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
 
यह है प्रावधान -
लोक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है। इस कानून में आपराधिक सजा पाने वाले जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है। इसके तहत विधायक या सांसद को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता जा सकती है। साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी अयोग्य हो जाएगा।

राहुल सिंह लोधी ने निर्वाचन पत्रों में जानकारी छिपाई
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी पर निवार्चन पत्रों में जानकारी छिपाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा से 2018 में पहली बार विधायक ने लोधी के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी चंदा रानी गौन ने निर्वाचन पत्रों में जानकारी छिपाने को लेकर याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने मामले में राहुल लोधी का निर्वाचन शून्य घोषित करने के आदेश दिये। इसके खिलाफ लोधी सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आए।
 
 
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पवई से विधायक प्रहलाद सिंह लोधी - फोटो : अमर उजाला
प्रहलाद सिंह लोधी ने तहसीलदार से की मारपीट
पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद सिंह लोधी ने अवैध रेत खनने रोकने से नाराज होकर रैपुरा तहसील में पदस्थ तहसीलदार आरके वर्मा के साथ मारपीट की थी। इस मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने विधायक को दोषी मानते हुए नवंबर 2019 में दो साल की सजा सुनाई। विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति ने उनकी नियम का हवाला देकर उनकी सदस्यता रद कर दी। लोधी ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय पर रोक लगा दी। इसके बाद लोधी फिर विधायक बन गए।
 
 
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MP News: Legislature of two MLAs intact even after two years in MP, sword hangs on five
कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह - फोटो : twitter.com/OfficialAjab
अजब सिंह कुशवाह ने सरकारी जमीन बेच दी
सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह पर सरकारी जमीन बेचने के आरोप लगए। इस मामले में उनके खिलाफ ग्वालियर के महाराजपुरा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की गई। उन पर सरकारी जमीन को 75 लाख रुपए में बेचने का आरोप है। इस मामले में विशेष न्यायालय ने कुशवाह और उनके साथियों को दोषी मानते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई गई और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
 
 
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विधायक जजपाल सिंह जज्जी - फोटो : सोशल मीडिया
जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त
अशोनगर से बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी पर अनुसूचित जाति के फर्जी प्रमाण पत्र से आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस मामले में ग्वालियर खंडपीठ ने आरोपी सही पाते हुए बीजेपी विधायक का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिऐ। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं, उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त करने के लिए भी कहा गया।
 
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