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MP News: सरकार्यवाह होसबाले बोले- भारत की मान्यता पूरी दुनिया में बढ़ रही है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 12 Dec 2022 12:38 AM IST
सार
होसबाले ने कहा कि संघ व्यक्तियों में चरित्र निर्माण, अनुशासन, कर्तव्यबोध, सामूहिकता जैसे गुणों का विकास करने का काम करता है। संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है ताकि उसकी व्यक्तिगत उन्नति हो और वह जगत के हित के लिए कार्य करे। भगिनी निवेदिता मानती थीं कि यदि देश के लोग सप्ताह में एक दिन आकर सामूहिक रूप से देश के बारे में विचार करें तो देश का वातावरण ही बदल जायेगा।
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आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
- फोटो : अमर उजाला
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का रविवार को लालपरेड ग्राउंड में शारीरिक प्रकट कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें मुख्य वक्ता सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले थे। वहीं, मुख्य अतिथ भारत सरकार के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत थे। इस अवसर पर सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि संघ के दो मुख्य काम हैं– व्यक्ति निर्माण और समाज संगठन। यह दोनों कार्य एक ही लक्ष्य के लिए है– भारत को परम वैभव पर पहुंचाना। परम वैभव का अर्थ केवल भारत आर्थिक और सामरिक रूप से सक्षम बने, यहां के सभी नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि इससे भी अधिक है। भारत का लक्ष्य विश्व मंगल की कामना है। भारत के महापुरुषों ने हमेशा विश्व कल्याण की बात की है और उसके लिए प्रयास किए हैं। कार्यक्रम में मध्य क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी, प्रांत संघचालक अशोक पांडेय और भोपाल विभाग के संघचालक डॉ. राजेश सेठी भी उपस्थित थे।
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आरएसएस का प्रकटोत्सव कार्यक्रम
- फोटो : अमर उजाला
होसबाले ने कहा कि संघ 95 वर्ष से राष्ट्र साधना में लगा हुआ है। संघ का काम सामूहिक कर्मयोग है। समाज को सामर्थ्यवान बनाने का काम है। भारत को विश्व में सम्मानजनक स्थान दिलाने का काम संघ का है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए पहले चरण में हमें अपने देश के नागरिकों की खुशहाली के लिए कार्य करना है और उसके अगले चरण में विश्व की मंगल कामना का कार्य भारत करे, इस कार्य में संघ लगा हुआ है।
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आरएसएस का प्रकटोत्सव कार्यक्रम
- फोटो : अमर उजाला
उन्होंने कहा कि अनुशासित समाज का निर्माण किए बिना हम भारत को प्रगति के पथ पर दूर तक नहीं ले जा सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक कार्य है। स्वास्थ्य, आर्थिक एवं विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति करने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति शील संपन्न हो, यह भी विश्वगुरु बनने के लिए आवश्यक है। पिछले 15 अगस्त के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशहित सरकार अनेक योजनाएं बना रही है लेकिन नागरिकों के भी कुछ कर्तव्य हैं। हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
आरएसएस का प्रकटोत्सव कार्यक्रम
- फोटो : अमर उजाला
होसबाले ने कहा कि संघ व्यक्तियों में चरित्र निर्माण, अनुशासन, कर्तव्यबोध, सामूहिकता जैसे गुणों का विकास करने का काम करता है। संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है ताकि उसकी व्यक्तिगत उन्नति हो और वह जगत के हित के लिए कार्य करे। भगिनी निवेदिता मानती थीं कि यदि देश के लोग सप्ताह में एक दिन आकर सामूहिक रूप से देश के बारे में विचार करें तो देश का वातावरण ही बदल जायेगा। संघ के संस्थापक डॉ. केशव हेडगेवार ने इस बात को समझा और संघ सामूहिक रूप एकत्र आकर देशहित में कार्य करता है। देश का सामान्य व्यक्ति कैसा है, उसके आधार पर उस देश का भविष्य निर्धारित होता है। विदेशी यात्रियों ने भी अपने यात्रा वृत्तांतों में भारत के सामान्य लोगों के रहन–सहन और उनके पास उपलब्ध संसाधनों का उल्लेख किया है।
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आरएसएस का प्रकटोत्सव कार्यक्रम
- फोटो : अमर उजाला
उन्होंने कहा कि जो लोग समाज कंटक हैं, ऐसे लोग दूसरों को हराने, अपना अहंकार दिखाने और दूसरों का शोषण करने के लिए अपने ज्ञान, धन और बल का उपयोग करते हैं। जबकि सज्जन लोग इन सबका उपयोग समाज के उत्थान के लिए करता है। इसलिए संघ ने अपने कार्य में शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रमों को जोड़ा है। यह प्रसन्नता की बात है कि भारत करवट ले रहा है। भारत की मान्यता पूरी दुनिया में बढ़ रही है। भारत के बारे में सकारात्मक सोचने की संख्या भी बढ़ रही है। अपने गांव और समाज का उत्थान करते हुए भारत की प्रगति में सहायक बन सकूं, ऐसा सोचने और करने वाले लोगों की संख्या भी समाज में बढ़ रही है।

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