आगरा जिले के बाह और पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर घटने लगा है। सोमवार दोपहर को नदी का जलस्तर घटकर 130.50 मीटर पर आ गया। पिछले 15 घंटे में तीन मीटर जलस्तर घटा है। लेकिन अभी भी चंबल नदी खतरे के निशान पर बह रही है। कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग बिजली और पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं।
बाढ़ में बारिश और जलीय जीवों ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। चंबल की बाढ़ से मगरमच्छ आबादी वाले इलाकों में पहुंच गए हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मगरमच्छ पकड़ने की गुहार लगाई है।
राजस्थान-मध्यप्रदेश में हुई बारिश और काली सिंध से छोडे़ गए पानी के बाद चंबल नदी उफान पर बह रही है। हालांकि अब जलस्तर घट रहा है। लेकिन बाढ़ से गांव मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवान पुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, झरनापुरा, उमरैठापुरा, क्योरी बीच का पुरा, डगोरा, रेहा, कछियारा, गुढ़ा में अभी भी घिरे हुए हैं।
बाढ़ में बारिश और जलीय जीवों ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। चंबल की बाढ़ से मगरमच्छ आबादी वाले इलाकों में पहुंच गए हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मगरमच्छ पकड़ने की गुहार लगाई है।
राजस्थान-मध्यप्रदेश में हुई बारिश और काली सिंध से छोडे़ गए पानी के बाद चंबल नदी उफान पर बह रही है। हालांकि अब जलस्तर घट रहा है। लेकिन बाढ़ से गांव मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवान पुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, झरनापुरा, उमरैठापुरा, क्योरी बीच का पुरा, डगोरा, रेहा, कछियारा, गुढ़ा में अभी भी घिरे हुए हैं।