मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर बना मंदिर इतिहास के अनेक पहलुओं को खुद में समेटे हुए है। यह मंदिर मुगल शासनकाल में औरंगजेब ने ही नहीं इससे पूर्व महमूद गजनवी और सिकंदर लोदी ने भी तोड़ा था। यहां मौजूद बेशकीमती खजाने को लूटा गया। इस मंदिर को तीन बार तोड़ा और चार बार बनाया गया। इसके तोड़ने और बनाने का उल्लेख वर्तमान में मंदिर परिसर में लगे बोर्ड पर भी दर्ज है।
अयोध्या और काशी के साथ मंदिरों के पास में बनी मस्जिदों के कारण मथुरा भी चर्चित है। यहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद की एक ही दीवार है। कहा जाता है कि करीब 5300 साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माना गया है। इतिहासकारों के अनुसार यहां बनाए गए मंदिरों को विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने लूटा और तोड़ा है।
अयोध्या और काशी के साथ मंदिरों के पास में बनी मस्जिदों के कारण मथुरा भी चर्चित है। यहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद की एक ही दीवार है। कहा जाता है कि करीब 5300 साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माना गया है। इतिहासकारों के अनुसार यहां बनाए गए मंदिरों को विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने लूटा और तोड़ा है।