आगरा में ठीक छह साल पहले ताजमहल के पूर्वी गेट पर बिजली घर की जमीन पर मुगल म्यूजियम बनाने की शुरुआत हुई। काम दिसंबर, 2017 में पूरा होना था, लेकिन अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ। सपा सरकार की मुगल म्यूजियम की योजना को भाजपा सरकार ने बजट नहीं दिया। साल 2020 में मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया, लेकिन म्यूजियम का निर्माण फिर भी शुरू नहीं हो सका। इस बीच 130 करोड़ रुपये की लागत जरूर बढ़कर 186 करोड़ रुपये हो गई है। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर ताजनगरी इस म्यूजियम केपूरे होने का इंतजार कर रही है।
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International Museum Day: भाजपा सरकार ने आगरा के म्यूजियम का छत्रपति शिवाजी किया नाम, पर अब भी अधूरा है काम
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 18 May 2022 12:05 AM IST
सार
काम दिसंबर, 2017 में पूरा होना था, लेकिन अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ। सपा सरकार की मुगल म्यूजियम की योजना को भाजपा सरकार ने बजट नहीं दिया।
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छत्रपति शिवाजी म्यूजियम
- फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी म्यूजियम कर दिया। जनवरी, 2020 से ही यहां काम बंद पड़ा है। राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट पूरा करने के शासन को पत्र भेजे गए हैं। बजट की उपलब्धता के साथ कार्य पूरा होता जाएगा।
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म्यूजियम के निर्माण के दौरान की तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
ये काम हैं अधूरे
म्यूजियम में मार्बल फ्लोरिंग, वाल क्लेडिंग, साइट डेवलपमेंट, विद्युतीकरण, फायर फाइटिंग सिस्टम व लिफ्ट का काम नहीं हुआ है। तीन मंजिला म्यूजियम का ढांचा बनकर तैयार है।शिवाजी म्यूजियम आंकड़ों की नजर से
- 5.9 एकड़ में बन रहा म्यूजियम- 1300 मीटर दूर है ताजमहल से
- 186 करोड़ रुपये है म्यूजियम की लागत
- 130 करोड़ रुपये किए थे मंजूर
- 56 करोड़ रुपये एसटीपी, बाउंड्री से बढ़े
- 2017, दिसंबर में पूरा होना था निर्माण
म्यूजियम की इमारत (फाइल)
- फोटो : अमर उजाला
नाम बदला तो काम में प्रगति भी आनी चाहिए
टूरिज्म गिल्ड के उपाध्यक्ष राजीव सक्सेना ने बताया कि अगर सरकार ने नाम बदला तो काम में भी प्रगति नजर आनी चाहिए। ऐसे अधूरे निर्माण का नाम बदलने से क्या फायदा। पहले म्यूजियम की शुरुआत ही कर दी जाती। तीन विश्व धरोहरों के शहर में म्यूजियम की जरूरत है जो पर्यटकों की शंकाओं को दूर कर सके।यह पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनता
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा कि दिसंबर, 2017 में पूरा होने वाले म्यूजियम का काम अब तक अधूरा है। नाम बदलने की जितनी जल्दबाजी दिखाई गई, उतनी काम में भी दिखाई जाती तो पर्यटन के लिए अच्छा होता। यह पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनता।
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ताजमहल परिसर में भी है म्यूजियम
- फोटो : अमर उजाला
ताजमहल और सीकरी में हैं एएसआई म्यूजियम
ताजमहल में 115 साल पहले और फतेहपुरसीकरी में 8 साल पहले म्यूजियम की शुरुआत की गई थी। ताजमहल में नौबतखाना भवन में म्यूजियम संचालित है, जिसमें पूर्व में प्रवेश शुल्क था, पर अब नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा है। यहां ताजमहल का प्राचीन नक्शा, शहंशाह शाहजहां के कई फरमान, तलवारें, बर्तन और पोशाकों का प्रदर्शन किया गया है। इसी तरह फतेहपुरसीकरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से टकसाल के सामने संचालित म्यूजियम में बीर छबीली टीले के उत्खनन से प्राप्त जैन मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं।
