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UP: 'जिस भरोसे से आश्रय दिया... उसी का कत्ल कर दिया', मासूम बच्चियों के हत्यारों को फांसी की सजा; पूरी कहानी
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 29 May 2025 12:51 PM IST
सार
Hathras Child Murder Case Update: हाथरस में प्रवक्ता की दो मासूम बेटियों के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई गई है। चार माह पहले यह घटना हुई थी। प्रवक्ता और उनकी पत्नी की भी जान लेने की कोशिश की गई थी। प्रवक्ता के भतीजे ने दुबई से सुपारी दी थी। हत्यारों में एक गांव रिश्ते का भतीजा और दूसरा उसका साथी है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट राम प्रसाद सिंह ने आरोप तय होने के दो माह के भीतर फैसला सुनाया है।
Hathras News: हाथरस की विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट ने प्रवक्ता की दो मासूम बेटियों के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट रामप्रताप सिंह ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि जिस भरोसे से आश्रय दिया, अभियुक्तों ने उसी का कत्ल कर दिया। इस कृत्य से समाज पर यह प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है कि कोई भी व्यक्ति अपने रिश्तेदारों पर अविश्वास प्रकट करना शुरू कर देगा। विषम परिस्थितियों में उनकी मदद करने से पीछे हटेगा। उन्हें अपने घर में आश्रय देने से भी गुरेज करेगा।
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दो हत्यारों को लेकर जाती पुलिस
- फोटो : संवाद
फैसले में कहा है कि यह निर्विवाद रूप से स्वीकृत तथ्य है कि अभियुक्त 22 जनवरी को नौ बजे वीरांगना के घर पर आए थे। वीरांगना और उनके पति छोटे लाल, दोनों बच्चियां उनको अपना रिश्तेदार होने के नाते घर में आश्रय देकर सो गए थे। उनके द्वारा यह सोचा भी नहीं गया होगा कि वीरांगना के रिश्ते के भतीजे उनकी हत्या करने आएं हैं। वीरागंना की पुत्रियों की यह अंतिम रात है।
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हमले में घायल हुए थे दंपती(फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
परिवार को अभियुक्तों व उनसे जुड़े सामाजिक रिश्तों पर उन्हें पूर्ण विश्वास था, लेकिन अभियुक्तों ने वीरांगना व उसके परिजनों के विश्वास का कत्ल कर दिया। अदालत ने कहा है कि वीरांगना का पति छोटे लाल घटना के लगभग एक वर्ष पहले से हुए लकवे से पीड़ित होने के कारण असहाय थे, हत्यारों ने वीरांगना की दोनों अबोध और निर्दोष बच्चियों की हत्या कर उनके वंश को नष्ट कर दिया और वीरांगना को असहाय बना दिया।
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मृतक बच्चियों की मां वीरांगना
- फोटो : संवाद
दोषियों के युवा होने और पुनर्वास के तर्क को किया खारिज
न्यायालय में अभियुक्तगणों के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया कि वह युवा हैं और समाज में उनके पुनर्वास की संभावना है। न्यायालय ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि अभियुक्तों ने कुछ रुपयों के लालच में फतेहपुर से आकर अबोध बच्चियों की गर्दनों पर कई-कई जानलेवा चोटें पहुंचाकर बर्बरता पूर्वक निर्मम हत्या की गई है।
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मृतक बच्ची विधि का फाइल फोटो
- फोटो : संवाद
वीरांगना और छोटे लाल की गर्दन पर भी चोटें पहुंचाकर जान से मारने की कोशिश की है, घृणित कृत्य किया है। अभियुक्त की कम आयु सजा कम करने का एक मात्र आधार नहीं हो सकता है। इस तर्क पर विश्वास नहीं किया जा सकता है कि वह फिर से रुपयों के लालच में अपराध नहीं करेंगे।
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