ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद उत्तर प्रदेश के यूपी में शवों पर डाले जाने वाले कफन की कालाबाजारी की शर्मनाक वारदात सामने आई है। बागपत जनपद के बड़ौत में पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइड समेत सात लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरोह श्मशान और कब्रिस्तानों से शवों से कफन चुराकर उन्हें दोबारा बेचकर मोटा मुनाफ कमा रहे थे।
कफन की कालाबाजारी: कब्रिस्तान में शवों से चुराते थे कफन, फिर कंपनी का स्टीकर लगाकर कमाते थे मोटा मुनाफा
ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद उत्तर प्रदेश के यूपी में शवों पर डाले जाने वाले कफन की कालाबाजारी की शर्मनाक वारदात सामने आई है।
आरोपी की है कपड़े की दुकान
आरोपी प्रवीण जैन की शहर में कपड़े की दुकान है। उसका पुत्र आशीष उर्फ उदित और भतीजा ऋषभ भी इस कृत्य में शामिल था। इन्होंने श्रवण, राजू, बबलू और शाहरुख को कफन चोरी में लगा रखा था। प्रवीण, आशीष और ऋषभ इनसे कम दाम में खरीदकर ऊंचे दाम में बेचते थे।
ये सामान हुआ बरामद
आरोपियों से पुलिस ने 520 सफेद व पीली चादर, 127 कुर्ते, 140 सफेद कमीज, 34 धोती, 12 गर्म शाल, 52 रंगी-बिरंगी धोती, तीन रिबन के पैकेट, 158 रिबन ग्वालियर व ग्वालियर कंपनी के 122 स्टीकर बरामद किए हैं।
कंपनी का लगाते थे स्टीकर
पुलिस ने बताया कि आरोपी रात में नगर समेत देहात क्षेत्र के श्मशान से कफन और दूसरे कपड़े चोरी कर लेते थे। उनकी धुलाई व प्रेस करके उन पर बांडेड कंपनी के स्टीकर, रिबन लगाकर पैकिंग कर देते थे। उसके बाद बाजार में बेच देते थे।
संक्रमितों के कफन से बीमारी फैलने का खतरा
ये लोग जिन शवों के कफन व कपड़े चोरी करते थे, उनमें से कई कोरोना संकमितों के थे। जिससे इन लोगों के साथ खरीदारों के संक्रमित होने का खतरा है। इन्हें प्रति पीस 300 से 500 रुपये तक मिल जाते थे।
एक माह से कर रहे थे यह कृत्य
आरोपी उक्त घिनौना काम एक माह से कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि उक्त आरोपी कफन व कपडे़ जनपद के अतिरिक्त, शामली, मुजफ्फरनगर, लोनी, सहारनपुर, दिल्ली, हरियाणा, सोनीपत आदि जगह पर भी बेचते थे।
दोबारा कफन का इस्तेमाल गलत
पंडित सोमदत्त शास्त्री का कहना है कि हिंदू रीति-रिवाज के हिसाब से कफन का दोबारा इस्तेमाल गलत है। लोग शव पर शॉल, चादर व कपड़े आदि अलग डालते हैं। जिन्हें श्मशान पर काम करने वाले कर्मचारी ले जाते हैं। इन कपड़ों का दोबारा किसी शव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
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