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UP: दो महीने से रोज गंगा में जा रहा 5.30 करोड़ लीटर गंदा पानी, नहीं हो रहा बाॅयोरेमेडिएशन…अब आई टेंडर की सुध

मनोज चौरसिया, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Thu, 20 Nov 2025 11:00 AM IST
सार

Kanpur News: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अजीत सुमन ने बताया कि 11 नालों का गंदा पानी सीधे गंगा और पांडु नदी में बहाने के मामले में नगर निगम को बीते सप्ताह नोटिस दिया था। जवाब में नगर निगम ने बताया है कि इन नालों के पानी को बाॅयोरेमेडिएशन विधि से शोधित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

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Kanpur 53 million liters of dirty water has been flowing into the Ganges every day for two months
गंगा में गिरता हुआ रानीघाट नाला - फोटो : amar ujala

कानपुर नगर निगम की लापरवाही के कारण दो महीने से गंगा में रोज 5.30 करोड़ लीटर गंदा पानी जा रहा है। इसकी वजह गंगा के साथ पांडु नदी में गिर रहे नालों के पानी का शोधित न होना है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि लापरवाह अफसरों ने बरसात का मौसम खत्म होते समय नालों के पानी को बाॅयोरेमेडिएशन तकनीक से शोधित करने के लिए टेंडर ही नहीं कराए। ऐसे में बगैर शोधित पानी गंगा को मैली कर रहा है। गंगा को गंदा करने के लिए एनजीटी नगर निगम पर पांच लाख रुपये प्रति नाला प्रति माह की दर से जुर्माना लगा सकता है।

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Kanpur 53 million liters of dirty water has been flowing into the Ganges every day for two months
गंगा बैराज अटल घाट के बगल पर परमिया नाला गंगा में गिरता हुआ - फोटो : amar ujala

गंगा को गंदा होने से बचाने के लिए बरसात का मौसम खत्म होते ही इस नदी और पांडु नदी में गिर रहे 11 नालों के पानी को बाॅयोरेमेडिएशन विधि से शोधित कराने के निर्देश है। पूर्व में ऐसा होता रहा है पर इस बार नगर निगम इस कार्य के लिए बरसात खत्म होते समय टेंडर कराना ही भूल गया। अमर उजाला की पड़ताल में पता चला कि गंगा और पांडु नदी में गिर रहे रामेश्वर (परमिया) नाला, रानी घाट, डबका, गंदा नाला सहित 11 नालों से सीधे गंदा पानी गंगा में जा रहा है।

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Kanpur 53 million liters of dirty water has been flowing into the Ganges every day for two months
रानीघाट पर गंगा में गिर रहा है नाला - फोटो : amar ujala

इस संबंध में चुप्पी साधे हैं अधिकारी
इन नालों में हर साल की तरह नदी के मुहाने पर बाॅयोरेमेडिएशन तकनीक से पानी शोधित करने के लिए न तो गड्ढा बना था और न ही टंकी आदि लगी थी। हालत यह है कि बंगाली घाट, जाजमऊ में गंगा के पानी में किनारे की तरफ पानी काला-कत्थई नजर आया। उसमें कीड़े भी दिखे। इतना ही नहीं रानी घाट के बगल में स्थित सरजूपुरवा बस्ती से जाजमऊ में गंगा किनारे अवैध रूप से बसी बस्तियों का सीवेज भी सीधे गंगा में बहाया जा रहा है, लेकिन अधिकारी इस संबंध में चुप्पी साधे हैं।

Kanpur 53 million liters of dirty water has been flowing into the Ganges every day for two months
गंगा में जाता गंदा पानी - फोटो : amar ujala

सहायक अभियंता दिवाकर भास्कर देखते थे कार्य
नगर निगम में पड़ताल करने पर पता चला कि टेंडर कराने की जिम्मेदारी नगर निगम के अधिशासी अभियंता (पर्यावरण) की होती है। 15 दिन पहले तक यह कार्य सहायक अभियंता दिवाकर भास्कर देखते थे। वह जोन-दो के प्रभारी अभियंता के साथ ही अधिशासी अभियंता प्रोजेक्ट, पीआरओ आदि पदों की जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। नए नगर आयुक्त ने पर्यावरण अभियंता की जिम्मेदारी जोन-4 की सहायक अभियंता मीनाक्षी अग्रवाल को सौंपी है।

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गोलाघाट पर गंगा में जाता नाले का गंदा पानी - फोटो : amar ujala

नोटिस के बाद आई टेंडर की सुध
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अजीत सुमन ने बताया कि 11 नालों का गंदा पानी सीधे गंगा और पांडु नदी में बहाने के मामले में नगर निगम को बीते सप्ताह नोटिस दिया था। जवाब में नगर निगम ने बताया है कि इन नालों के पानी को बाॅयोरेमेडिएशन विधि से शोधित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

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