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Kanpur: कोहरे में रेंगती रही भारतीय रेलवे; 17 घंटे तक लेट हुईं 57 ट्रेनें, यात्रियों ने कहा- भैंसा गाड़ी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Sat, 27 Dec 2025 11:51 AM IST
सार

Kanpur News: घने कोहरे के कारण कानपुर सेंट्रल पर 57 ट्रेनें 17 घंटे तक लेट हुईं हैं। फॉग सेफ डिवाइस के दावों के बीच 34 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती ट्रेनों को यात्रियों ने भैंसा गाड़ी बताया।

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Kanpur Indian Railways crawled through the fog 57 trains were delayed by up to 17 hours bullock cart service
कानपुर सेंट्रल - फोटो : अमर उजाला

कानपुर में कोहरे के कारण ट्रेनें रेंग रही हैं। लोको पायलट 34 की रफ्तार से ट्रेनें चला रहे हैं। इस कारण शुक्रवार को तेजस, वंदे भारत, राजधानी सहित करीब 57 ट्रेनें 17 घंटे तक देरी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचीं। वहीं, उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि फॉग सेफ डिवाइस आने के बाद कोहरे के समय लोको पायलट को ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी प्रति घंटा रखने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले यह कोहरे के समय 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती थीं। यात्रियों ने पोस्ट कर रेल मंत्री और प्रधानमंत्री तक शिकायत दर्ज कराते हुए अपना गुस्सा जताया है।


आनंद विहार से मध्यप्रदेश के रीवा जाने वाली 12428 रीवा एक्सप्रेस में सफर कर रहे आनंद साहू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ट्रेन 15 घंटे में सिर्फ 500 किमी चली। इस हिसाब से एक घंटे में करीब 34 किमी का सफर तय किया। यह कैसी भारतीय रेलवे है जिसे दूसरों के समय की चिंता ही नहीं है। ट्रेन नंबर-12556 गोरखधाम एक्सप्रेस से सफर कर रहे ओमकुमार कुशवाहा ने पोस्ट करते हुए लिखा कि ट्रेन गोरखपुर स्टेशन पर सात घंटे से ज्यादा देरी से पहुंची। यह सुबह 09:55 बजे पहुंचती है, लेकिन गुरुवार को 05:35 बजे आई।

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कोहरे में सुबह के समय गुजरती ट्रेन - फोटो : amar ujala

भारतीय रेलवे ट्रेन नहीं भैसा गाड़ी चलवा रहा
पटना जंक्शन से आनंद विहार जंक्शन जाने वाली ट्रेन नंबर- 13251 में सफर कर रहे राहुल रंजन कुमार ने एक्स पर पोस्ट किया कि यह ट्रेन तो टमटम की गति से चल रही है, क्या यही विकसित भारत की ट्रेन है मोदी जी। ट्रेन नंबर-14038 न्यू दिल्ली स्पेशल से सफर कर रहे अमन गौतम ने लिखा कि ट्रेन नौ घंटे लेट है लेकिन न कोई सूचना और ना ही कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार है। देश के नागरिकों के समय की फिक्र ही नहीं है। इसी तरह गोविंद कुमार ने लिखा कि 02569 न्यू दिल्ली क्लोन स्पेशल करीब 14 घंटे लेट है। ऐसा लग रहा है कि भारतीय रेलवे ट्रेन नहीं भैसा गाड़ी चलवा रहा है। ट्रेन में बैठे-बैठे लोगों को घुटन हो रही है।

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ट्रेन कोहरा - फोटो : ANI

ये ट्रेनें आई देरी से
शुक्रवार को 22416 नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत 17 घंटे, 15705 चंपारण हमसफर 13 घंटे, 12384 संपूर्ण क्रांति 13 घंटे, 12452 नई दिल्ली-कानपुर सेंट्रल श्रमशक्ति 07:30 घंटे, 12582 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस नौ, 14218 ऊंचाहार एक्सप्रेस छह, 15657 ब्रह्मपुत्र मेल 06:30 घंटे, 15744 फरक्का एक्सप्रेस छह, 12488 रीवा एक्सप्रेस 09 घंटे, 02564 नई दिल्ली-बरौनी स्पेशल 14 घंटे, 22361 राजेंद्र नगर-नई दिल्ली अमृत भारत 10 घंटे, 12301 हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी सात घंटे देरी से आईं।

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तेजस एक्सप्रेस - फोटो : amar ujala

तेजस 12 घंटे लेट
नियमित और स्पेशल के साथ ही प्रीमियम ट्रेनों का भी हाल बुरा है। आलम यह है कि 82502 नई दिल्ली-लखनऊ आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस गुरुवार को दिल्ली से दोपहर 03:30 बजे चलकर 12 घंटे देरी से शुक्रवार को कानपुर सेंट्रल पहुंची। इस वजह से इसकी रिवर्स 82501 लखनऊ-नई दिल्ली आईआरसीटीसी तेजस नौ घंटे बाद यहां से रवाना हो सकी।

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कोहरे में ट्रेन - फोटो : amar ujala

फॉग सेफ डिवाइस कोहरे में लोको पायलट को करता है मदद
उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि फॉग सेफ डिवाइस के बाद भी कोहरे में ट्रेनें फर्राटा नहीं भर पा रही हैं। करीब तीन साल पहले तक यह जीपीएस आधारित सिस्टम नहीं था। ट्रेनें कोहरे के समय अधिकतम 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चालने के निर्देश गए थे। यह सिस्टम आने के बाद ट्रेनों की गति अधिकतम 75 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। यह सिस्टम घने कोहरे में लोको पायलट को सुरक्षित रूप से ट्रेन चलाने में मदद करता है। इससे सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग और गति प्रतिबंधों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी (डिस्प्ले व ऑडियो के साथ) मिलती है। करीब पांच सौ मीटर पहले ही लोको पायलट को जानकारी मिल जाती है और उसे ट्रेन की गति नियंत्रित करने में मदद मिलती है जिससे दुर्घटनाओं की आशंका कम हो जाती है।

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