उत्तर प्रदेश के कन्नौज में जिला पंचायत अध्यक्ष की अहम कुर्सी एक बार फिर पार्टियों के लिए राजनीतिक साख का सबब बन गई है। भाजपा व सपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव 2022 का सेमी फाइनल मान रहे हैं। ऐसे में 21 साल बाद अनारक्षित हुई यह कुर्सी सपा व भाजपा के लिए साख की बात हो गई है।
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पंचायत चुनाव: अखिलेश की पत्नी डिंपल के संसदीय क्षेत्र में फिर दांव पर है भाजपा के सुब्रत की साख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कन्नौज
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 19 Mar 2021 02:02 AM IST
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डिंपल यादव, सुब्रत पाठक (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला

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अखिलेश यादव, डिंपल यादव, सुब्रत पाठक
सपा मुखिया अखिलेश सिंह यादव की पत्नी डिंपल का संसदीय क्षेत्र व सपा का गढ़ माने जाने वाले कन्नौज में दोनों की साख को चुनौती भाजपा के कद्दावर नेता व सांसद सुब्रत पाठक देने की तैयारी में हैं। सुब्रत पाठक के पास प्रदेश मंत्री का पद भी है। बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अभी तक भाजपा का एक बार भी खाता नहीं खुला है।
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डिंपल यादव, सुब्रत पाठक
सपा इस पद को पांच बार हासिल कर चुकी है। एक बार यह पद राष्ट्रीय क्रांति पार्टी व एक बार बसपा की झोली में भी जा चुका है। केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने और पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल मानने की वजह से भाजपा लंबे समय से अपने अनुषांगिक संगठनों के सहारे मतदाताओं में पैठ बना रही है।

अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव (फाइल फोटो)
- फोटो : Facebook/अखिलेश भईया
दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव का दौरा भी जिले की ओर बढ़ा है। सैफई जाते और लौटते समय उनका रुकना व कार्यकर्ताओं को संदेश देना इसी की एक कड़ी है। सपा ने अपनी पूरी जिला इकाई को पंचायत चुनाव पर फोकस करने का संदेश दे दिया है। साल 1998 में फर्रुखाबाद से कन्नौज के विभाजित होने पर जिला पंचायत का गठन किया गया।
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सुब्रत पाठक अखिलेश यादव
- फोटो : amar ujala
इसमें सपा से कप्तान सिंह पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। बहरहाल अनारिक्षत हुई इस सीट पर राजनीतिक दिग्गजों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। अब आगे देखना होगा कि इस सीट पर भाजपा को कामयाबी मिलती है या फिर सपा के खाते में इस बार भी कुर्सी जाएगी। जहां तक बसपा की बात है तो वह भी अपने सेक्टर प्रमुखों व पदाधिकारियों के माध्यम से शहर की इस कुर्सी की नब्ज समझने की जुगत कर रही है।