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आयुध निर्माणी दिवस: कोरोना काल में संकटमोचक बनीं कानपुर की आयुध निर्माणियां, हथियारों संग पहली बार बनाए सुरक्षा उपकरण

अमित अवस्थी, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Thu, 18 Mar 2021 12:14 PM IST
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आयुध निर्माणी दिवस - फोटो : अमर उजाला
देश पर जब-जब संकट का समय आया तो शहर की आयुध निर्माणियां संकटमोचक बनकर खड़ी हो गईं। भले ही सरकार ने इन निर्माणियों के निगमीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी हो लेकिन पिछले साल कोविड महामारी के दौरान इन निर्माणियों के कर्मचारियों-अफसरों ने पहली बार सुरक्षा उपकरण बनाकर इतिहास रच डाला।


आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने जहां बेहद कम समय में 7.50 लाख सर्जिकल मास्क और 26 हजार पीपीई किट बनाईं वहीं शहर की सबसे पुरानी आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) ने 30 हजार आइसोलेशन वार्ड बना डाले। कोविड महामारी के बीच आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी) ने पिनाक गाइडेड राकेट लांचर भी तैयार कर लिया है।

लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ) ने प्रहार रिवाल्वर, जेवीपीसी कारबाइन बनाकर कानपुर का गौरव बढ़ाया। निर्माणी को इस साल की बेस्ट निर्माणी का अवार्ड भी मिला है। निर्माणी में पीपीई किट टेस्टिंग की मशीन भी बनाई गई। आयुध निर्माणी दिवस पर पेश है अमित अवस्थी की रिपोर्ट...

आयुध निर्माणी कानपुर और फील्ड गन
दोनों निर्माणियों  में धनुष, शारंग तोप के अलावा पिनाक मल्टीबैरल राकेट लांचर का निर्माण किया जाता है। अब यहां गाइडेड पिनाक राकेट लांचर बनाने की तैयारी है। निर्माणी में हंटर किलर के नाम से जाने जाना वाला आधुनिक अर्जुन टैंक मार्क 1ए भी बनाया जाएगा। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने आर्मी को टैंक सौंपा था।
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जेवीपीसी कार्बाइन - फोटो : अमर उजाला
इस टैंक के बैरल और ब्रीच मैकेनिज्म निर्माणी में ही बनाए जाएंगे। तीन सालों में 114 अर्जुन टैंक बनाने का आर्डर मिला है। इसी तरह फील्डगन फैक्ट्री ने इसी साल मई के महीने में 50 मीटर दूर तक मार करने वाली निशंक रिवाल्वर को लांच किया था। इसे भी खूब पसंद किया गया। फील्डगन नेवी के लिए सुपर रैपिड गन माउंट एसआरसीएम आयुध को विकसित कर चुका है।
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हॉक जेट एडवांस एयरक्राफ्ट लिए बनाए गए ब्रेक पैराशूट - फोटो : अमर उजाला
ओपीएफ ने विश्व पटल पर बनाई धमक
छावनी स्थित आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने कोविड की चुनौतियों के बीच विश्व पटल पर अपनी धाक जमाई। तीन से पांच फरवरी 2021 तक एयरफोर्स स्टेशन याहलंका बंगलूरू में हुए एयरो इंडिया शो में हॉक एडवांस जेट ट्रेनर एजेटी के ब्रेक पैराशूट का प्रदर्शन किया जिसे बाद में रक्षा मंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इस शो में दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसी तरह निर्माणी ने सुखोई लड़ाकू विमानों के पायलट पैराशूट बनाए हैं।
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आइसोलेशन टेंट - फोटो : अमर उजाला
दो साल बाद लगेगी प्रदर्शनी
अर्मापुर स्थित समाज सदन में दो साल बार रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी। 2019 में पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन और 2020 में कोविड महामारी के कारण प्रदर्शनी नहीं लगाई जा सकी थी। प्रदर्शनी में तीन निर्माणियों में बनने वाले रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। आयुध निर्माणी बोर्ड के उपमहानिदेशक गगन चतुर्वेदी ने बताया कि कोलकाता के काशीपुर में 18 मार्च 1801 को पहली आयुध निर्माणी की स्थापना की गई थी।
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एलपीजी गन - फोटो : अमर उजाला
इसके बाद से हर साल इस दिन को आयुध निर्माणी दिवस के रूप में मनाया जाता है। शहर में पांच आयुध निर्माणियां हैं जिसमें सबसे पुरानी आयुध निर्माणी ओईएफ है। देश के अलग-अलग हिस्सों में 41 आयुध निर्माणी हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार सेना को शारंग गन सौंपी गई, जेवीपीसी का यूजर ट्रायल सफल रहा। पी सेवन हैवी ड्रॉप और हॉक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के लिए पैराशूट विकसित किया गया।
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