{"_id":"69070f167d7f51f6540a28e1","slug":"destruction-story-of-dinesh-beedi-family-shot-his-father-and-then-took-his-own-life-story-of-conflict-between-2025-11-02","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"दिनेश बीड़ी परिवार की 'विनाश गाथा': पिता को गोली मारकर खुद भी दे दी जान, बाप-बेटे के बीच...अनबन की कहानी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दिनेश बीड़ी परिवार की 'विनाश गाथा': पिता को गोली मारकर खुद भी दे दी जान, बाप-बेटे के बीच...अनबन की कहानी
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा             
                              Published by: धीरेन्द्र सिंह       
                        
       Updated Sun, 02 Nov 2025 01:28 PM IST
        
       
            सार 
            	
                
    
     मथुरा के वृंदावन में गौरा नगर में शुक्रवार की देर शाम बीड़ी कारोबारी पिता-पुत्र के बीच हुए विवाद में बेटे ने लाइसेंसी पिस्टल से पिता की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मारकर जान दे दी। इस वारदात में शराब परिवार की बर्बादी की वजह बन गई। जानें बाप-बेटे के बीच अनबन की कहानी...
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                        बीड़ी कारोबारी पिता पुत्र का फाइल फोटो और पुलिस
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        वृंदावन के नामी-गिरामी बीड़ी कारोबारी सुरेश चंद्र अग्रवाल और उनके बेटे नरेश अग्रवाल का शनिवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। अंत्येष्टि में जिलेभर के कारोबारी पहुंचे। व्यवसायी परिवार में हुई घटना से हर किसी की आंख नम हो गई।
                    
                        
                         
                
        
                                
        
                
    
      
    
    
    
    
        
 
 
            
                        सुरेश चंद्र अग्रवाल फाइल फोटो
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        मामूली था विवाद
                
        
                                
        
         
        
गौरा नगर कॉलोनी में शुक्रवार की रात को मामूली सी बात पर पिता सुरेशचंद्र अग्रवाल का अपने मंझले बेटे नरेश से विवाद हुआ था। उन्होंने बेटे को शराब पीने से रोका था। इसके बाद नरेश ने पिता को गोली मारकर खुद भी आत्महत्या कर ली थी। कई बार पहले भी पिता पुत्र में इसी बात को लेकर विवाद हो चुका था। लेकिन किसी को यह अंदेशा नहीं था कि शराब की लत दोनों की मौत की वजह बन जाएगी। परिजन अभी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। उन पर दु:खों का ऐसा पहाड़ टूटा जिससे पूरा परिवार ही लड़खड़ा गया है।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
गौरा नगर कॉलोनी में शुक्रवार की रात को मामूली सी बात पर पिता सुरेशचंद्र अग्रवाल का अपने मंझले बेटे नरेश से विवाद हुआ था। उन्होंने बेटे को शराब पीने से रोका था। इसके बाद नरेश ने पिता को गोली मारकर खुद भी आत्महत्या कर ली थी। कई बार पहले भी पिता पुत्र में इसी बात को लेकर विवाद हो चुका था। लेकिन किसी को यह अंदेशा नहीं था कि शराब की लत दोनों की मौत की वजह बन जाएगी। परिजन अभी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। उन पर दु:खों का ऐसा पहाड़ टूटा जिससे पूरा परिवार ही लड़खड़ा गया है।
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                        कारोबारी के घर जुटी लोगों की भीड़
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        शराब ने उजाड़ दिया सबकुछ
                
        
                                
        
         
        
गौरा नगर में शुक्रवार को हुई घटना ने साबित कर दिया कि शराब जब अपने रंग पर आती है तो घरों को उजाड़ देती है। दिनेश बीड़ी के नाम से करोड़ों रुपये का कारोबार करने वाले सुरेशचंद्र अग्रवाल और उनके बेटे नरेश चंद्र अग्रवाल के बीच जो हुआ वह वृंदावन में किसी से छिपा नहीं। दोनों ही लोग इस दुनिया से रुखसत हो गए। शराब के दो महिलाओं के सुहाग उजाड़ दिए। नरेश ने शराब के नशे में पहले पिता को गोली मार ली और फिर खुद आत्महत्या कर ली।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
गौरा नगर में शुक्रवार को हुई घटना ने साबित कर दिया कि शराब जब अपने रंग पर आती है तो घरों को उजाड़ देती है। दिनेश बीड़ी के नाम से करोड़ों रुपये का कारोबार करने वाले सुरेशचंद्र अग्रवाल और उनके बेटे नरेश चंद्र अग्रवाल के बीच जो हुआ वह वृंदावन में किसी से छिपा नहीं। दोनों ही लोग इस दुनिया से रुखसत हो गए। शराब के दो महिलाओं के सुहाग उजाड़ दिए। नरेश ने शराब के नशे में पहले पिता को गोली मार ली और फिर खुद आत्महत्या कर ली।
            
                        नरेशचंद्र
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        मिलनसार थे नरेशचंद्र अग्रवाल 
                
        
                                
        
         
        
नरेशचंद्र अग्रवाल काफी मिलनसार व्यक्ति थे। उन्होंने मेहनत करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन उन्हें शराब की लत ने ऐसा जकड़ लिया कि उनका शांत स्वभाव उग्र होने लगा। वह बात-बात पर हाईपर होने लगे। कई बार उनका मित्रों से विवाद हो गया। हालांकि सभी दोस्त उनकी आदत से वाकिफ थे तो कोई बुरा नहीं मानता था। जब वह हाईपर होते थे तो दोस्त उन्हें शांत कराने का प्रयास करते थे लेकिन पिता सुरेशचंद्र अग्रवाल उनका शराब पीने को लेकर ही विरोध करते थे, कई बार परिवार के अन्य लोगों ने भी समझाया लेकिन किसी बात मनाने को तैयार नहीं होते थे। शराब के नशे में उनसे जो हुआ, उससे दो महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। मां आशा अग्रवाल और पत्नी अंशू अग्रवाल दोनों पर एक साथ ही कष्ट का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों की हालात देखी नहीं जा रही है, उनके बच्चे भी बिलख रहे हैं। नरेश का बेटा शौर्य और बेटी श्रैया बुरी तरह से चिंघाड़ रहे हैं।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
नरेशचंद्र अग्रवाल काफी मिलनसार व्यक्ति थे। उन्होंने मेहनत करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन उन्हें शराब की लत ने ऐसा जकड़ लिया कि उनका शांत स्वभाव उग्र होने लगा। वह बात-बात पर हाईपर होने लगे। कई बार उनका मित्रों से विवाद हो गया। हालांकि सभी दोस्त उनकी आदत से वाकिफ थे तो कोई बुरा नहीं मानता था। जब वह हाईपर होते थे तो दोस्त उन्हें शांत कराने का प्रयास करते थे लेकिन पिता सुरेशचंद्र अग्रवाल उनका शराब पीने को लेकर ही विरोध करते थे, कई बार परिवार के अन्य लोगों ने भी समझाया लेकिन किसी बात मनाने को तैयार नहीं होते थे। शराब के नशे में उनसे जो हुआ, उससे दो महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। मां आशा अग्रवाल और पत्नी अंशू अग्रवाल दोनों पर एक साथ ही कष्ट का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों की हालात देखी नहीं जा रही है, उनके बच्चे भी बिलख रहे हैं। नरेश का बेटा शौर्य और बेटी श्रैया बुरी तरह से चिंघाड़ रहे हैं।
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                        पूछताछ करती पुलिस
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        एक बार कार से मार दी थी टक्कर
                
        
                                
        
         
        
नरेशंचद अग्रवाल अपने किसी मित्र के साथ रणथंबौर जा रहे थे। किसी बात को लेकर वह कार में हाईपर हो गए और उन्होंने कार का एक्सीडेंट कर दिया। परिवार के लोग भी साथ तो उन्होंने रणथंबौर का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया और फिर परिजन कैलादेवी में निजी कार्यक्रम करके आए। नरेशचंद्र अग्रवाल को अगर गुस्सा आ जाती थी तो वह आपा खो बैठते थे।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
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नरेशंचद अग्रवाल अपने किसी मित्र के साथ रणथंबौर जा रहे थे। किसी बात को लेकर वह कार में हाईपर हो गए और उन्होंने कार का एक्सीडेंट कर दिया। परिवार के लोग भी साथ तो उन्होंने रणथंबौर का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया और फिर परिजन कैलादेवी में निजी कार्यक्रम करके आए। नरेशचंद्र अग्रवाल को अगर गुस्सा आ जाती थी तो वह आपा खो बैठते थे।
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