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व्यवस्थाएं बेहाल: मरीजों को नहीं ले जाती अस्पतालों की लिफ्ट, स्ट्रेचर में भी पड़े ताले, देखें अमर उजाला की पड़ताल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Thu, 03 Mar 2022 11:26 AM IST
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Meerut Hospitals lift do not take patients, stretchers are locked
मेरठ में अस्पतालों के हाल - फोटो : अमर उजाला

मेरठ में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा फुस्स साबित हो रहा है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज और पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय में मरीजों को लिफ्ट और स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हो पा रहे हैं। 

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मेडिकल कॉलेज में स्ट्रेचर पर ताले लगे रहते हैं, जबकि जिला अस्पताल में मरीजों को स्ट्रेचर नहीं मिलती हैं। मरीजों को हाथों पर या फिर सहारे से ओपीडी तक ले जाना पड़ता है। स्ट्रेचर मिल जाए तो तीमारदारों को खुद स्ट्रेचर खींचकर ले जाना पड़ता है। वार्ड ब्वॉय या स्टाफ  उन्हें ले जाने की जहमत नहीं उठाते हैं।

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मेरठ में अस्पतालों के हाल - फोटो : अमर उजाला

वहीं, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की लिफ्ट सालों से खराब पड़ी हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। मरीजों को प्रथम और द्वितीय तल पर ले जाना पड़े तो रैंप का ही सहारा है। मरीजों को शिफ्ट करने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बुधवार को भी परेशान तीमारदार मरीजों को सहारे से ले जाते नजर आए।

 

 

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मेरठ में अस्पतालों के हाल - फोटो : अमर उजाला

मरीज स्ट्रेचर को इधर-उधर छोड़ देते हैं
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि पर्याप्त स्ट्रेचर हैं, मगर कई बार मरीज स्ट्रेचर को इधर-उधर छोड़ देते हैं। इस कारण स्ट्रेचर लॉक कर रखे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर मरीज को दिए जाते हैं। लिफ्ट भी शुरू कराई जाएंगी। 

 

 

Meerut Hospitals lift do not take patients, stretchers are locked
मेरठ में अस्पतालों के हाल - फोटो : अमर उजाला

कोई कमी नहीं 
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कौशलेंद्र सिंह का कहना है कि स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है। कई बार मरीज खुद ही स्ट्रेचर का इस्तेमाल नहीं करते हैं और मरीज को अपने सहारे से या गोद में ओपीडी या वार्ड तक ले जाते हैं। लिफ्ट का ठीक कराया जाएगा। 

 

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मेरठ में स्वास्थ्य सेवाएं - फोटो : अमर उजाला

150 करोड़ के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की बिगड़ने लगी सेहत
एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की ‘सेहत’ बिगड़ने लगी है। छत खराब होने लगी है। एक वार्ड की हालत स्टोर रूम जैसी हो गई है। वहीं, यहां ओपीडी तो चालू कर दी गई है, लेकिन बुधवार को मरीजों के बैठने के लिए बैंच तक नहीं है। उन्हें इंतजार करने के लिए फर्श पर बैठना पड़ रहा है।

 

इसके अलावा ज्यादातर लाइटें भी स्पार्किंग कर रही हैं। दो साल पहले यह बिल्डिंग बनकर तैयार हुई थी। हालांकि अभी तक इसका विधिवत उद्घाटन नहीं हो सका है। कोरोना काल में इसे कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया। अब यहां फिर से ओपीडी शुरू की गई है। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि जो भी खामियां हैं उन्हें जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा।

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