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स्वर्वेद महामंदिर: 25 हजार कुंडीय महायज्ञ से सुवासित हुई धरा, एक लाख दीपों से सजा स्वर्वेद धाम

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Thu, 27 Nov 2025 06:59 PM IST
सार

स्वर्वेद महामंदिर में 25 हजार कुंडीय वैदिक महायज्ञ में लाखों श्रद्धालुओं ने आहुतियां दीं। इस दौरान पांच किमी की परिधि में जड़ी-बुटियों के धुएं से वातावरण शुद्ध हुआ। 
 

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25,000-kund Vedic Mahayagna held at Swarved Mahamandir in Varanasi
स्वर्वेद महामंदिर - फोटो : अमर उजाला

स्वर्वेद महामंदिर में बुधवार को आस्था समंदर लहराया। विविध औषधियों से 25 हजार कुंडीय वैदिक महायज्ञ में डेढ़ लाख देसी-विदेशी भक्तों ने आहुतियां डालीं तो धरा से नभ, सब जड़ी-बुटियों के धुएं से सुवासित हो उठा। धाम से पांच किमी का वातावरण यज्ञ के धुएं से शुद्ध हो गया। वैदिक मंत्रों की अनुगूंज और असंख्य श्रद्धा कणों का स्पंदन इस क्षण को अद्वितीय बना रहा था।

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25,000-kund Vedic Mahayagna held at Swarved Mahamandir in Varanasi
स्वर्वेद महामंदिर परिसर में जलाए गए दीप - फोटो : अमर उजाला
उमरहां स्थित स्वर्वेद मंदिर में चल रहे दो दिवसीय कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ और समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव के अंतिम दिन आचार्य स्वतंत्र देव महाराज और संत प्रवर विज्ञान देव महाराज के सानिध्य में गुरुकुल के 251 यज्ञाचार्यों ने सुबह नौ बजे से वैदिक विधि से यज्ञानुष्ठान शुरू किया। पांच घंटे चले यज्ञ में देश-विदेश से आए भक्तों ने परिवार के साथ यज्ञ में आहुतियां डालीं। इसके पूर्व यज्ञाचार्यों के अगुवाई में भक्तों ने योगाभ्यास किया। नए जिज्ञासु भक्तों ने गुरु दीक्षा ली।
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स्वर्वेद महामंदिर परिसर में जलाए गए दीप - फोटो : अमर उजाला
शाम को समर्पण दीप आध्यात्म महोत्सव में विहंगम योग के अनुयायियों ने एक लाख दीप जलाए तो पूरा स्वर्वेद मंदिर रोशनी से नहा उठा। इन दीपों से गोसेवा, गुरुकुल संरक्षण और राष्ट्र प्रहरियों के सम्मान का संदेश दिया गया। संस्कृति, करुणा और कर्तव्य निष्ठा की भावना को आलोकित किया।
25,000-kund Vedic Mahayagna held at Swarved Mahamandir in Varanasi
स्वर्वेद महामंदिर परिसर में महायज्ञ में आहुति देते लोग - फोटो : अमर उजाला
सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने मधुर भजनों और लोकनृत्य की गंगा प्रवाहित की। कथक से भक्तिरस की धारा बहाई। बृहस्पतिवार को समापन पर गुरु का आशीर्वचन होगा। बाहर से आए भक्त गुरु का आशीष लेकर विदा होंगे। यज्ञ में आहुतियां डालने यूपी, बिहार, झारखंड, मप्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि शहरों के अलावा विदेश से आए भक्त शामिल रहे।
 
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विज्ञान देव - फोटो : अमर उजाला
ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने में यज्ञ सशक्त उपाय : विज्ञान देव
संत विज्ञान देव ने कहा कि यज्ञ सनातन संस्कृति की आत्मा है। इसी में वैदिक धर्म की जड़ें और जीवन बसता है। यज्ञ श्रेष्ठतम शुभ कर्म है। यज्ञ का अर्थ है त्याग भाव। अग्नि की ज्वाला सदैव ऊपर की ओर उठती है। अग्नि को बुझा सकते हैं, मगर झुका नहीं सकते हैं। वैसे ही हमारा जीवन भी ऊर्ध्वगामी रहे। श्रेष्ठ, पवित्र और कल्याणकारी पथ पर निरंतर गतिशील रहता है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग रोकने में यज्ञ सशक्त उपाय है। पर्यावरणविदों को इस दिशा में गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए। प्राचीन ऋषियों के समय से आश्रमों में यज्ञ की परंपरा थी। आज इससे वातावरण को शुद्ध करने के साथ विश्व में शांति स्थापित कर सकते हैं। यज्ञ केवल अग्नि में आहुति नहीं, बल्कि अपने भीतर के अहंकार, लोभ और अशुद्धियों को समर्पित करने का पवित्र साधन है। उन्होंने कहा कि विहंगम योग एक संपूर्ण योग है। जिसके माध्यम से शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व आत्मिक विकास संभव है।
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