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Dev Deepawali 2025: हमारी काशी के हिस्से एक दिवाली ज्यादा आती है, देवों वाली दिवाली

उपमिता वाजपेयी, अमर उजाला, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Thu, 06 Nov 2025 09:24 AM IST
सार

Dev Deepawali in Varanasi: काशी की भव्य देव दीपावली देखने के लिए देश- दुनिया से लाखों की संख्या में गंगा घाटों पर लोग पहुंचे। ललिता घाट पर आतिशबाजी की पहली लौ उठी, फिर घाटों पर गुरुर करने वाले बनारसियों का उत्साह डेसीबल का हर पैमाना पार कर गया।

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Dev Deepawali 2025 in Varanasi live seen our Kashi gets one more Diwali of God
Dev Deepawali in varanasi - फोटो : अमर उजाला

अपने अचरा में बेहिसाब नावों, बजड़ों, मोटरबोट्स और क्रूज को संभाले मां गंगा का वेग आज अपनी सबसे ऊंची हदें पार कर रहा था। किसी अतिउत्साहित जेन जी की तरह। और उनकी लहरें ऐसी जैसे किसी ओलिंपिक में अनगिनत धावक दौड़े जा रहे हों। पानी में वेग इतना की मजबूत, हष्ट पुष्ट बजड़ों को भी कागज की कश्ती सा डगमगा दे रही थी। नमो घाट, दशाश्वमेध, अस्सी तो बारह मास, चौबीसों घंटे रोशन रहते हैं। लेकिन आमतौर पर चुप और गुमसुम रहनेवाले घाट भी आज उस बहुरिया से नजर आ रहे थे जो सिर्फ त्यौहारों पर तिजौरी से सास के दिए गहने पहनकर सुहाग सजाती है।

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Dev Deepawali 2025 in Varanasi live seen our Kashi gets one more Diwali of God
Dev Deepawali in varanasi - फोटो : अमर उजाला

काशी के सब के सब मल्लाहों के घर की हर नाव गंगा में। जो महीनों से सूखी किनारे पड़ी थीं वो भी और जो आखिरी सांसें गिन रहीं थीं वो भी। मरम्मत और झाड़ पोछकर उन्हें आज उजालों के इस उत्सव के कुरुक्षेत्र में उतारा गया है। वो क्या है ना, हमारी काशी के हिस्से एक एक्स्ट्रा दिवाली आती है। देवों वाली देव दिवाली।

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Dev Deepawali in varanasi - फोटो : अमर उजाला
पहले घाट से आखिरी घाट तक जाने के लिए आज गंगाजी में बकायदा ट्रैफिक डायवर्जन था। जेट्टी के सहारे गंगा के दोनों किनारों को बांटा गया था। एक हिस्से में नावें जा रहीं थी, दूसरे से आ रहीं। लेकिन जैसे ही घाट के छोर पर वो यू टर्न लेने को होती वहां कई नावें एक दूसरे से टकरा जातीं। छोटी नावों पर बैठे हाईड्रोफोबिक लोगों के दिल मुंह को आ जाते। चिल्लाने की आवाज आती। और फिर अचानक बीच से कहीं काशी का वॉर क्राय गूंजने लगता, नमः पार्वती पतेय, हर हर महादेव। महादेव सब ठीक करेंगे, यही सोच वो मुस्कुराकर आगे बढ़ जाते। जैसे डैशिंग कार वाला कोई खेल लुत्फ लेकर आए हों।

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Dev Deepawali 2025 in Varanasi live seen our Kashi gets one more Diwali of God
Dev Deepawali in varanasi - फोटो : अमर उजाला
इन नावों के साथ किनारों पर किसी सुनहरे गोटे जैसे पिरोए घाट चल रहे थे। कुछ घाट रोशनी से चौंधियाए और अघाए थे तो कुछ के हिस्से उजालों में कंजूसी भी आई थी। उन घाटों को छेककर बैठे इतने ज्यादा लोग कि घाट अपनी सीढ़ियों का रंग भूल गए। ये सब लोग इंतजार में उस आतिशबाजी का जो गंगा पार से होनी है। जिसे देखने और जब्त करने के लिए ये कई घंटों से फ्रैम सेट कर चुके हैं। जिसे वो कई महीनों तक अपने सोशल मीडिया पर डालेंगे और काशी हो साथ कर लेंगे।
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Dev Deepawali in varanasi - फोटो : अमर उजाला
ललिता घाट के ठीक सामने आतिशबाजी की पहली लौ उठी ही थी कि बनारस, उसके चौरासी घाट और का हो गुरु कहकर उस पर गुरुर करने वाले बनारसियों का उत्साह डेसीबल का हर पैमाना पार कर गया। किसी खेल मैदान में चौके-छक्के में उठनेवाले नाद की तरह वो आसमान को छू रहा था। और पंचगंगा घाट से परंपरा बतौर शुरू हुआ ये उत्सव इस पीढ़ी को छूकर अद्भुत से अद्भुतास हुआ जा रहा था।

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