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Shimla: एचपीयू में भेजे शिक्षकों पर कुलपति को अंतिम निर्णय लेने का हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, जानें पूरा मामला

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 17 Dec 2025 11:25 AM IST
सार

हाईकोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा संस्थान (आइसीईडीओएल) विभाग से विश्वविद्यालय (एचपीयू) में चार सहायक प्रोफेसरों के स्थानांतरण से संबंधित मामले में कुलपति को अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

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The High Court has directed the Vice-Chancellor to take the final decision regarding the teachers sent to HPU;
एचपीयू शिमला - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा संस्थान (आइसीईडीओएल) विभाग से विश्वविद्यालय (एचपीयू) में चार सहायक प्रोफेसरों के स्थानांतरण से संबंधित मामले में कुलपति को अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कार्यकारी परिषद ने कुलपति को इस मामले में निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया है, इसलिए निर्णय लेने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। विशेष रूप से आइसीईडीओएल ने भी कर्मचारियों की कमी के कारण इन अधिकारियों को उनके मूल संस्थान में वापस भेजने का अनुरोध किया है।

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न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने कहा कि यह याचिका दूरस्थ शिक्षा संस्थान और एचपीयूडीईए के चार शिक्षकों डॉ. पान सिंह, डॉ. सुनीता और डॉ. मंजू पुरी (हिंदी), और डॉ. सपना चंदेल (संस्कृत) के पीजी सेंटर में तबादले और उनकी स्थिति से संबंधित है। सुनवाई के रजिस्ट्रार की ओर से 12 दिसंबर के प्रस्तुत निर्देशों से अवगत कराया गया, जिसमें बताया गया कि इन शिक्षकों को उनके पदों सहित पीजी केंद्र में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन वे अभी भी आइसीईडीओएल और एचपीयूडीईए के कर्मचारी बने हुए हैं और विश्वविद्यालय में उनका विलय नहीं हुआ है।

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अदालत को बताया गया कि मामले से संबंधित पहले भी एक समिति का गठन किया गया था, जिसने याचिका लंबित होने के कारण आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने बार-बार कुलपति को इन व्यक्तियों को विश्वविद्यालय में बनाए रखने पर निर्णय लेने के लिए कहा था, लेकिन कुलपति किसी न किसी बहाने निर्णय लेने से कतरा रहे हैं। कोर्ट ने कुलपति को समय-समय पर पारित सभी आदेशों पर ध्यान देते हुए 10 मार्च 2026 तक अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो हाईकोर्ट याचिका का निर्णय अपने स्तर पर करेगा। यह याचिका भवानी और अन्य शिक्षकों की ओर से दायर की गई है।

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