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UP: सहायता कक्ष में कचरा, इमरजेंसी के सामने कबाड़, खराब मशीनें...जिला अस्पताल का हाल देख दंग रह गए डिप्टी सीएम
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:45 PM IST
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सार
उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी में चार मरीजों से बातकर चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। मरीजों से पूछा कि दवाएं मिलती हैं कि नहीं और इलाज कैसा हो रहा है। इस पर सभी ने अच्छा बताया।

डिप्टी सीएम ने जिला अस्पताल में किया निरीक्षण।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
ओपीडी के सामने बने मरीज सहायता काउंटर की जर्जर हालत और उसमें भरा कचरा, लंबे समय से बंद पड़ा ऑक्सीजन प्लांट और पैथाेलाॅजी लैब की खराब मशीन... जिला अस्पताल की ऐसी बदहाली देखकर उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कड़ी नाराजगी जताई। एक घंटे के निरीक्षण में उन्हें तमाम अव्यवस्थाएं मिलीं। उन्होंने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है।
उपमुख्यमंत्री शनिवार दोपहर 2:40 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। ओपीडी के सामने मरीज सहायता काउंटर बना था, जो टूटा था। झांककर देखा तो अंदर कचरा भरा था। इस पर उपमुख्यमंत्री ने नाराज होते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र अरोड़ा से कहा कि सहायता काउंटर का ये हाल है, तो मरीजों की सहायता कैसे होगी। इमरजेंसी के सामने कबाड़ पड़ा था और गंदगी थी। कबाड़ का निस्तारण कराने और साफ-सफाई बेहतर रखने की नसीहत दी।
मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमंत्री को पैथोलॉजी लैब में हार्माेंस, थायराइड की मशीन खराब होने पर जांच नहीं होने और ऑक्सीजन प्लांट, कैंसर यूनिट लंबे समय से बंद होने की जानकारी मिली। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से इसकी वजह पूछी, लेकिन वे कुछ नहीं बता पाए।

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उपमुख्यमंत्री शनिवार दोपहर 2:40 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। ओपीडी के सामने मरीज सहायता काउंटर बना था, जो टूटा था। झांककर देखा तो अंदर कचरा भरा था। इस पर उपमुख्यमंत्री ने नाराज होते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र अरोड़ा से कहा कि सहायता काउंटर का ये हाल है, तो मरीजों की सहायता कैसे होगी। इमरजेंसी के सामने कबाड़ पड़ा था और गंदगी थी। कबाड़ का निस्तारण कराने और साफ-सफाई बेहतर रखने की नसीहत दी।
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मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमंत्री को पैथोलॉजी लैब में हार्माेंस, थायराइड की मशीन खराब होने पर जांच नहीं होने और ऑक्सीजन प्लांट, कैंसर यूनिट लंबे समय से बंद होने की जानकारी मिली। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से इसकी वजह पूछी, लेकिन वे कुछ नहीं बता पाए।
समीक्षा बैठक में रोगी कल्याण समिति के खातों की जानकारी मांगी। इसमें पर्याप्त धनराशि होने पर भी मरीजों के लिए अधूरी सुविधाओं पर खासे नाराज हुए। उन्होंने प्रमुख अधीक्षक से सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। उपमुख्यमंत्री दोपहर 3:45 बजे जिला अस्पताल से चले गए।
मरीज के लिए मंगाया दलिया, व्यसन छोड़ने की दी सीख
उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी में चार मरीजों से बातकर चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। मरीजों से पूछा कि दवाएं मिलती हैं कि नहीं और इलाज कैसा हो रहा है। इस पर सभी ने अच्छा बताया। छीपीटोला की लक्ष्मी से पूछा कि क्या दिक्कत हैं, तो उन्होंने कहा कि चक्कर आ रहे हैं। इस पर उनसे कहा कि खाना खाया कि नहीं, इस पर डॉक्टर से पूछकर इनके लिए दलिया खिलाने को कहा। नगला कली निवासी संजय को पीलिया था। उनकी पत्नी ममता से पूछा कि ये व्यसन करते हैं। इस पर मरीज को व्यसन छोड़ने को कहा। शाहगंज के अजित सिंह की तीमारदार रौनक देवी और प्रशिक्षु पुलिसकर्मी प्रशांत नागर से उनकी सेहत का हाल जाना।
उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी में चार मरीजों से बातकर चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। मरीजों से पूछा कि दवाएं मिलती हैं कि नहीं और इलाज कैसा हो रहा है। इस पर सभी ने अच्छा बताया। छीपीटोला की लक्ष्मी से पूछा कि क्या दिक्कत हैं, तो उन्होंने कहा कि चक्कर आ रहे हैं। इस पर उनसे कहा कि खाना खाया कि नहीं, इस पर डॉक्टर से पूछकर इनके लिए दलिया खिलाने को कहा। नगला कली निवासी संजय को पीलिया था। उनकी पत्नी ममता से पूछा कि ये व्यसन करते हैं। इस पर मरीज को व्यसन छोड़ने को कहा। शाहगंज के अजित सिंह की तीमारदार रौनक देवी और प्रशिक्षु पुलिसकर्मी प्रशांत नागर से उनकी सेहत का हाल जाना।
उपमुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
- सहायता कक्ष नया बनाकर दो कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए।
- पैथोलॉजी लैब की मशीन और ऑक्सीजन प्लांट ठीक कराकर रिपोर्ट दें।
- मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने पर कार्रवाई और जन औषधि सेवा केंद्र के लिए प्रोत्साहित करें।
- 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक स्वास्थ्य शिविर, आयुष्मान कार्ड शिविर लगाएं।
- कैंसर समेत अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पर इनकी सूची तैयार करें।
- परिसर में साफ-सफाई, चहारदीवारी की मरम्मत और अस्पताल की रंगाई-पुताई कराएं।
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- सहायता कक्ष नया बनाकर दो कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए।
- पैथोलॉजी लैब की मशीन और ऑक्सीजन प्लांट ठीक कराकर रिपोर्ट दें।
- मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने पर कार्रवाई और जन औषधि सेवा केंद्र के लिए प्रोत्साहित करें।
- 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक स्वास्थ्य शिविर, आयुष्मान कार्ड शिविर लगाएं।
- कैंसर समेत अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पर इनकी सूची तैयार करें।
- परिसर में साफ-सफाई, चहारदीवारी की मरम्मत और अस्पताल की रंगाई-पुताई कराएं।
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