{"_id":"69082a5d9cc7d72f610b8d38","slug":"glows-in-candlelight-as-faithful-honour-departed-souls-on-all-souls-day-2025-11-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"UP: फूलों से सजीं कब्रें, मोमबत्तियों की लौ में जिंदा हुईं यादें..अपनों की आत्मा की शांति के लिए हुई प्रार्थना","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: फूलों से सजीं कब्रें, मोमबत्तियों की लौ में जिंदा हुईं यादें..अपनों की आत्मा की शांति के लिए हुई प्रार्थना
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 03 Nov 2025 09:36 AM IST
सार
ऑल सोल्स डे पर मृत विश्वासियों की आत्मशांति के लिए प्रार्थना हुई।श्रद्धालुओं ने शहर के विभिन्न कब्रिस्तानों में जाकर अपने स्वर्गवासी परिजन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
विज्ञापन
ऑल सोल्स डे
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विज्ञापन
विस्तार
आगरा में ईसाई समाज ने रविवार को ऑल सोल्स डे (मृत विश्वासियों का स्मृति दिवस) श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने शहर के विभिन्न कब्रिस्तानों में जाकर अपने स्वर्गवासी परिजन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
सुबह से ही गिरजाघरों में पवित्र मिस्सा बलिदान और विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कब्रों पर फूल, मोमबत्तियां और अगरबत्तियां अर्पित कीं। कई लोग अपने प्रियजनों की स्मृति में भावुक हो उठे। कुछ श्रद्धालु कब्रों के पास खड़े होकर हाथ जोड़ प्रार्थना करते दिखाई दिए, जबकि कई चुपचाप बैठकर अपने स्वर्गवासी परिजन को याद करते रहे।
सेंट मेरी चर्च के प्रधान पुरोहित फादर जोसफ डाबरे ने बताया कि आगरा छावनी स्थित गोरों के कब्रिस्तान और रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में मिस्सा बलिदान चढ़ाकर मृत विश्वासियों की आत्मशांति के लिए विशेष प्रार्थना की गई। फादर विंसेंट ने कहा कि मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। यह जीवन का विनाश नहीं, बल्कि उसका रूपांतरण है।
महाधर्माध्यक्ष डॉ. राफी मंजलि ने रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद भी आत्मा जीवित रहती है और हमारे प्रियजन परमेश्वर की अनंत शांति में विश्राम करते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें। इस अवसर पर फादर राजन दास, फादर मिरांडा, क्रिश्चियन समाज सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष डेनिस सिल्वेरा, लॉरेंस मसीह, फिलिप, एल्विन सिल्वेरा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
सुबह से ही गिरजाघरों में पवित्र मिस्सा बलिदान और विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कब्रों पर फूल, मोमबत्तियां और अगरबत्तियां अर्पित कीं। कई लोग अपने प्रियजनों की स्मृति में भावुक हो उठे। कुछ श्रद्धालु कब्रों के पास खड़े होकर हाथ जोड़ प्रार्थना करते दिखाई दिए, जबकि कई चुपचाप बैठकर अपने स्वर्गवासी परिजन को याद करते रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन
सेंट मेरी चर्च के प्रधान पुरोहित फादर जोसफ डाबरे ने बताया कि आगरा छावनी स्थित गोरों के कब्रिस्तान और रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में मिस्सा बलिदान चढ़ाकर मृत विश्वासियों की आत्मशांति के लिए विशेष प्रार्थना की गई। फादर विंसेंट ने कहा कि मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। यह जीवन का विनाश नहीं, बल्कि उसका रूपांतरण है।
महाधर्माध्यक्ष डॉ. राफी मंजलि ने रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान में प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद भी आत्मा जीवित रहती है और हमारे प्रियजन परमेश्वर की अनंत शांति में विश्राम करते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें। इस अवसर पर फादर राजन दास, फादर मिरांडा, क्रिश्चियन समाज सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष डेनिस सिल्वेरा, लॉरेंस मसीह, फिलिप, एल्विन सिल्वेरा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।