UP: जब भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाजे पर दस्तक दे रहीं थीं 'दीप्ति', तब बहन के लिए भाई सुमित ने छोड़ दी थी नौकरी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर दीप्ति शर्मा को शिखर पर पहुंचाने के लिए उनके भाई सुमित ने नौकरी छोड़ दी थी। उन्हें यकीन था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की दुनिया में उनकी बहन का स्वर्णिम काल आएगा।

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इंग्लैंड को धूल चटाने वाली क्रिकेटर दीप्ति शर्मा के भाई सुमित ने अमर उजाला से खास बातचीत में बताया कि सत्र 2011-13 में वह मथुरा के जीएलए यूनिवर्सिटी में प्रबंधन की पढ़ाई कर रहे थे। आखिरी सेमेस्टर में गुड़गांव की एक सीजफायर कंपनी में नौकरी लग गई। मासिक वेतन 30000 रुपये था। यूपी महिला क्रिकेट टीम में उन दिनों दीप्ति अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं। दो महीने बाद मेरा घर आना हुआ।

उस समय मैंने पापा श्रीभगवान शर्मा और मां सुशीला शर्मा से कहा कि दीप्ति के अभ्यास का समय बढ़ना चाहिए। शाम को भी स्टेडियम जाना चाहिए। भारतीय टीम के दरवाजे पर दस्तक देने वाली मेरी बहन के लिए यह बेहद जरूरी था। स्टेडियम में सुबह और शाम बहन को अभ्यास के लिए ले जाने की शपथ लेते हुए मैंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।
नवंबर 2014 में सही साबित हुआ फैसला
सुमित शर्मा बताते हैं कि नवंबर 2014 में जब मुझे यह सूचना मिली की दीप्ति को भारतीय महिला क्रिकेट टीम में स्थान मिला है तो खुशी से उछल पड़ा। उस दिन मेरा नौकरी छोड़ने का फैसला सही साबित हो गया।
काफी पहले परख ली थी प्रतिभा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला बताती हैं कि दीप्ति स्टेडियम में नियमित अभ्यास करने आती थीं। काफी पहले उनकी प्रतिभा परख ली थी। कुछ कर गुजरने का जज्बा हर समय दिखता था। स्टेडियम में विकेट पर फेंकी जाने वाली सीधी थ्रो ने साफ कर दिया था कि दीप्ति एक दिन अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकेगी।