{"_id":"6909726936e3c3095c03207a","slug":"teachers-of-deepti-sharma-celebrate-her-success-2025-11-04","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Deepti Sharma: दीप्ति शर्मा ने आगरा के इस स्कूल में की थी पढ़ाई, जीत पर मना जश्न...शिक्षकों ने जानें क्या कहा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Deepti Sharma: दीप्ति शर्मा ने आगरा के इस स्कूल में की थी पढ़ाई, जीत पर मना जश्न...शिक्षकों ने जानें क्या कहा
 
            	    अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा             
                              Published by: धीरेन्द्र सिंह       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 08:56 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                वनडे विश्व कप में भारत की जीत का जश्न हर किसी के सिर पर चढ़ा हुआ है। ऐसे में खास उत्साह दिखा आगरा के राधावल्लभ इंटर कॉलेज में, जहां दीप्ति शर्मा ने पढ़ाई की थी।
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
            
                            
                        दीप्ति शर्मा की बचपन की तस्वीर
                                    - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
विस्तार
                                                 
                महिला वनडे विश्व कप में भारत की जीत से सभी गदगद हैं। दीप्ति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राधावल्लभ इंटर कॉलेज, शाहगंज से प्राप्त की थी। वहां भी खुशी का माहौल है। दीप्ति के शिक्षकों का कहना है कि दीप्ति बचपन से ही खेल के प्रति बेहद समर्पित रही हैं, लेकिन उन्होंने पढ़ाई को भी कभी पीछे नहीं छोड़ा।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं
हमेशा से रहीं अनुशासित
शिक्षक लालाराम ने बताया कि दीप्ति को कक्षा 6 से 8 तक सामाजिक विज्ञान पढ़ाया है। वे हमेशा अनुशासित और मेहनती छात्रा रही हैं। आज उनकी सफलता पूरे विद्यालय और शहर के लिए प्रेरणा है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ये भी पढ़ें - Deepti Sharma: संत प्रेमानंद महाराज से दीप्ति ने पूछा था ये सवाल, जवाब में मिला था जीत का ये मंत्र
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
 
Trending Videos
 
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं
हमेशा से रहीं अनुशासित
शिक्षक लालाराम ने बताया कि दीप्ति को कक्षा 6 से 8 तक सामाजिक विज्ञान पढ़ाया है। वे हमेशा अनुशासित और मेहनती छात्रा रही हैं। आज उनकी सफलता पूरे विद्यालय और शहर के लिए प्रेरणा है।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            ये भी पढ़ें - Deepti Sharma: संत प्रेमानंद महाराज से दीप्ति ने पूछा था ये सवाल, जवाब में मिला था जीत का ये मंत्र
                                                                                                                         
                                                खेल में थी रुचि
                                                                                                                                 
                                                
शिक्षक स्वप्नेश शर्मा का कहना है कि दीप्ति बचपन से ही खेल में रुचि रखती थी। मैं उनका विज्ञान का शिक्षक था। हमें गर्व है कि दीप्ति ने देश का नाम रोशन किया और विद्यालय को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। प्रधानाचार्य वीरेश कुमार ने बताया कि विद्यालय परिसर में बच्चों और शिक्षकों में खुशी की लहर है। दीप्ति का कार्य के प्रति समर्पण सभी के लिए प्रेरणा है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
ये भी पढ़ें - Deepti Sharma: 'लड़की को कहां भेजते हो', ऐसे मिलते थे ताने, जानें कैसे एक थ्रो ने बदली दीप्ति शर्मा की जिंदगी
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            शिक्षक स्वप्नेश शर्मा का कहना है कि दीप्ति बचपन से ही खेल में रुचि रखती थी। मैं उनका विज्ञान का शिक्षक था। हमें गर्व है कि दीप्ति ने देश का नाम रोशन किया और विद्यालय को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। प्रधानाचार्य वीरेश कुमार ने बताया कि विद्यालय परिसर में बच्चों और शिक्षकों में खुशी की लहर है। दीप्ति का कार्य के प्रति समर्पण सभी के लिए प्रेरणा है।
ये भी पढ़ें - Deepti Sharma: 'लड़की को कहां भेजते हो', ऐसे मिलते थे ताने, जानें कैसे एक थ्रो ने बदली दीप्ति शर्मा की जिंदगी
                                                                                                                         
                                                सुमित को डांटती थी, अब खुद कहती हैं चलो मैच देखें
                                                                                                                                 
                                                
दीप्ति के मौसेरे भाई आकाश पचौरी कहते हैं कि जब भी मिट्टी में लिपटे सुमित को क्रिकेट प्रैक्टिस से आते देखतीं तो मौसी सुशीला खूब डांटतीं। उन्हें कभी भी सुमित का क्रिकेट खेलना न पसंद आया, न ही वह चाहती थीं कि वह खेले। हालांकि जब सुमित ने दीप्ति को क्रिकेट के लिए कोचिंग देना शुरू किया तो वह बदल गईं। अब खुद ही दीप्ति का मैच होने पर सभी को मैच देखने के लिए कहती हैं।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            दीप्ति के मौसेरे भाई आकाश पचौरी कहते हैं कि जब भी मिट्टी में लिपटे सुमित को क्रिकेट प्रैक्टिस से आते देखतीं तो मौसी सुशीला खूब डांटतीं। उन्हें कभी भी सुमित का क्रिकेट खेलना न पसंद आया, न ही वह चाहती थीं कि वह खेले। हालांकि जब सुमित ने दीप्ति को क्रिकेट के लिए कोचिंग देना शुरू किया तो वह बदल गईं। अब खुद ही दीप्ति का मैच होने पर सभी को मैच देखने के लिए कहती हैं।
                                                                                                                         
                                                उसे तो सिर्फ खेल से ही मतलब
                                                                                                                                 
                                                
श्रीभगवान शर्मा के घर के ठीक सामने रहने वाले भगवान सिंह शर्मा कहते हैं कि दीप्ति को हमेशा से ही क्रिकेट में रुचि थी। वह अपने भाई सुमित को क्रिकेट खेलते हुए देखते-देखते ही बड़ी हुई, इसलिए उसमें भी क्रिकेट के प्रति दीवानगी बढ़ती चली गई। वर्ष 2004 में जब वह काॅलोनी में रहने आए तो दीप्ति मोहल्ले में प्लास्टिक का बैट लेकर खेला करती थी। खाली वक्त में मैच देखना या क्रिकेट की बात करना ही उसका शगल था। हालांकि इसके अलावा वह सिर्फ उनकी नातिन शिवि के साथ बात करती।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            श्रीभगवान शर्मा के घर के ठीक सामने रहने वाले भगवान सिंह शर्मा कहते हैं कि दीप्ति को हमेशा से ही क्रिकेट में रुचि थी। वह अपने भाई सुमित को क्रिकेट खेलते हुए देखते-देखते ही बड़ी हुई, इसलिए उसमें भी क्रिकेट के प्रति दीवानगी बढ़ती चली गई। वर्ष 2004 में जब वह काॅलोनी में रहने आए तो दीप्ति मोहल्ले में प्लास्टिक का बैट लेकर खेला करती थी। खाली वक्त में मैच देखना या क्रिकेट की बात करना ही उसका शगल था। हालांकि इसके अलावा वह सिर्फ उनकी नातिन शिवि के साथ बात करती।