{"_id":"69097ce23229df07e808cf2d","slug":"deepti-s-story-that-made-her-a-cricketer-50-meters-away-throw-the-ball-straight-at-the-stumps-2025-11-04","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"UP: 50 मीटर की दूरी, गेंद को सीधे स्टंप पर किया थ्रो...दीप्ति का वो किस्सा, जिसने बना दिया उन्हें क्रिकेटर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: 50 मीटर की दूरी, गेंद को सीधे स्टंप पर किया थ्रो...दीप्ति का वो किस्सा, जिसने बना दिया उन्हें क्रिकेटर
 
            	    नीरज मिश्रा, अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा             
                              Published by: धीरेन्द्र सिंह       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 09:41 AM IST
        
       
            सार 
            	
                
    
     दिप्ती के किक्रेटर बनने की कहानी एक बहुत छोटे से किस्से से शुरू होती है। ये बात उन दिनों की है, जब दीप्ति के भाई सुमित एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेटर की प्रेक्टिस के लिए जाते थे। यहां दीप्ति की एक थ्रो ने उनकी प्रतिभा को उजागर कर दिया।
 
    
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                        दीप्ति शर्मा और उनके भाई सुमित शर्मा
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में रविवार को दक्षिण अफ्रीका को हराकर भारतीय टीम पहली बार विश्व चैंपियन बनी। इस ऐतिहासिक जीत में आगरा की बेटी और भारतीय टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा का प्रदर्शन निर्णायक रहा। फाइनल में दीप्ति ने अर्धशतक जड़ा और 5 विकेट लेकर मैच का रुख भारत के पक्ष में मोड़ दिया। 17 वर्ष की उम्र में भारत के लिए डेब्यू करने वाली दीप्ति की सफलता के पीछे मेहनत से ज्यादा त्याग की कहानी है। उनके बड़े भाई सुमित शर्मा ने दीप्ति के लिए अपना क्रिकेट कॅरिअर और नौकरी तक कुर्बान कर दी। मैच के दाैरान सुमित मुंबई में स्टेडियम में माैजूद थे। सोमवार को उन्होंने अमर उजाला से विस्तृत बातचीत की।
                    
                        
                         
                
        
                                
        
                
    
      
    
    
    
    
        
 
 
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                        दीप्ति शर्मा और उनके भाई सुमित शर्मा
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        आपने नाैकरी क्यों छोड़ी? यह पूछते ही सुमित गर्व से भर जाते हैं। कहते हैं, मैं उत्तर प्रदेश की ओर से क्रिकेट खेलता था और बाद में एमबीए कर नौकरी में चला गया। वर्ष 2012–13 में एक दिन अवकाश के दौरान घर लौटने पर देखा कि दीप्ति व्यवस्थित ट्रेनिंग नहीं कर पा रही थी। तब मैंने पिता जी से साफ कहा- मैं नौकरी छोड़ रहा हूं। दीप्ति को इंडिया टीम में पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। दो साल दीजिए, अगर वह नहीं खेल पाई तो मैं नौकरी पर लौट जाऊंगा। माता और पिता ने बिना शर्त समर्थन दिया। मैंने दीप्ति की फिटनेस, डाइट, तकनीक और खेल पर पूरा फोकस किया। दीप्ति को तेज गेंदबाज के बजाय स्पिन ऑलराउंडर बनाने का निर्णय लिया, जो आगे जाकर टीम इंडिया में जगह की कुंजी बना।
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
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                        दीप्ति शर्मा
                                     - फोटो : ICC
                    
            
                        
         
        दीप्ति से क्या बात हुई?
                
        
                                
        
         
        
मैच के बाद दीप्ति से बात हुई थी। वह बेहद खुश और भावुक थी। उसने कहा कि मैच का प्रेशर खुद पर नहीं आने दिया। इसके कारण वह बेहतर परफाॅर्म कर पाई। फाइनल जैसे बड़े मैच में मानसिक मजबूती बहुत मायने रखती है।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
मैच के बाद दीप्ति से बात हुई थी। वह बेहद खुश और भावुक थी। उसने कहा कि मैच का प्रेशर खुद पर नहीं आने दिया। इसके कारण वह बेहतर परफाॅर्म कर पाई। फाइनल जैसे बड़े मैच में मानसिक मजबूती बहुत मायने रखती है।
            
                        अपने माता-पिता के साथ दीप्ति शर्मा
                                     - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
                    
            
                        
         
        अब मां और पिता जी क्या कहते हैं ?
                
        
                                
        
         
        
समाज में आज भी कुछ लोग बेटियों को खेल में कॅरिअर बनाने से रोकते हैं। मेरी मां और पिताजी ने हमेशा दीप्ति का साथ दिया। फाइनल से पहले मां ने कहा था- मैंने उसे अंदर से मजबूत बनाया है, गेंद उसके हाथ में होगी तो खेल देखिएगा और दीप्ति ने उस भरोसे को कायम रखा।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
 
समाज में आज भी कुछ लोग बेटियों को खेल में कॅरिअर बनाने से रोकते हैं। मेरी मां और पिताजी ने हमेशा दीप्ति का साथ दिया। फाइनल से पहले मां ने कहा था- मैंने उसे अंदर से मजबूत बनाया है, गेंद उसके हाथ में होगी तो खेल देखिएगा और दीप्ति ने उस भरोसे को कायम रखा।
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                        दीप्ति शर्मा
                                     - फोटो : BCCI
                    
            
                        
         
        दीप्ति आगरा कब आ रही हैं?
                
        
                                
        
         
        
दीप्ति टीम के साथ आधिकारिक कार्यक्रमों में व्यस्त है। विश्वकप जीत के बाद टीम के सम्मान समारोह, मीडिया इंटरैक्शन और बीसीसीआई के शेड्यूल्ड इवेंट्स हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वह इन औपचारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद आगरा आएगी। क्रिकेट प्रेमियों और प्रशंसकों में दीप्ति के आगरा लौटने को लेकर उत्सुकता है। अभी तारीख नहीं बता सकता, लेकिन जल्द ही आपसे जानकारी साझा करूंगा।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
                
                
        
                
    
       
 
दीप्ति टीम के साथ आधिकारिक कार्यक्रमों में व्यस्त है। विश्वकप जीत के बाद टीम के सम्मान समारोह, मीडिया इंटरैक्शन और बीसीसीआई के शेड्यूल्ड इवेंट्स हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वह इन औपचारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद आगरा आएगी। क्रिकेट प्रेमियों और प्रशंसकों में दीप्ति के आगरा लौटने को लेकर उत्सुकता है। अभी तारीख नहीं बता सकता, लेकिन जल्द ही आपसे जानकारी साझा करूंगा।