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Delhi Blast: यूपी में 'स्लीपिंग मॉड्यूल' का साया…जानें एटीएस की खोज किस मोड़ पर पहुंची, खंगाले जा रहे लिंक
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 17 Nov 2025 11:11 AM IST
सार
लखनऊ के डाॅ. परवेज का आगरा कनेक्शन सामने आने के बाद आगरा से उसके लिंक तलाजे जा रहे हैं। उसके संपर्क में रहे लोगों से पूछताछ हो रही है।
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डॉ. परवेज अंसारी।
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
दिल्ली कार धमाके के बाद राज्य में अलर्ट है। एटीएस आतंकियों के स्लीपिंग माॅड्यूल को तलाशने में लगी हुई है। आगरा के साथ ही मैनपुरी, फिरोजाबाद और मथुरा में बाहर से आकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं पर विशेष नजर है। खासताैर पर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले और किसी भी कार्य से जम्मू-कश्मीर से आकर यहां रहने वालों की निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं लखनऊ में पकड़े गए डाॅ. परवेज के एसएन मेडिकल काॅलेज से कनेक्शन के बारे में भी पड़ताल की जा रही है। 10 साल में उसके संपर्क में आए लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ भरे इलाके में कार में जोरदार धमाका हुआ था। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। जांच में आतंकी हमले का खुलासा हुआ था। इस घटना के बाद सफेदपोश आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान में फरीदाबाद से डाॅ. शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। शुरुआती जांच में उसके पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आए थे। बाद में उसके भाई डाॅ. परवेज सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था।
उसने आगरा के एसएन मेडिकल काॅलेज से वर्ष 2015 में एमडी की पढ़ाई की थी। छह महीने नाैकरी करने के बाद चला गया था। मेडिकल काॅलेज से उसका कनेक्शन सामने आने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। उसके शैक्षिक दस्तावेज फ्रीज कर दिए गए हैं। एक बार एटीएस ने काॅलेज पहुंचकर जांच की थी। मेडिसिन विभाग और हाॅस्टल में पहुंचकर जानकारी जुटाई थी।
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग जगह पर चल रही कार्रवाई के बाद टीमें जांच में लगी हैं। पकड़े गए लोगों का जहां भी लिंक मिल रहा है, वहां जाकर जानकारी जुटाई जा रही है। अगर, डाॅ. परवेज के संपर्क में आगरा का कोई डाॅक्टर और अन्य रहा होगा तो पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से आकर आगरा मंडल के जिलों में पढ़ाई करने वालों पर भी एटीएस की नजर है। यह देखा जा रहा है कि कोई संदिग्ध गतिविधि में तो शामिल नहीं है। उनका सत्यापन किया जा रहा है।
मिश्रित आबादी वाले इलाकों से जुटाई जा रही जानकारी
आगरा में मंटोला, न्यू आगरा, लोहामंडी, शहीद नगर आदि इलाकों में बाहर से जमात आते हैं। इनमें अलग-अलग जिलों के लोग शामिल होते हैं। पिछले दिनों पुलिस ने इमाम और मुतवल्लियों के साथ बैठक की थी। निर्देश दिए थे कि किसी भी जमात को बिना अनुमति नहीं रोका जाए। इसके साथ ही बाहर से आने वालों की जानकारी पुलिस को भी दी जाए। वह आगरा आएंगे तो अपने जिलों से सत्यापन कराके लाएंगे। उनकी गतिविधि संदिग्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मिश्रित आबादी वाले इलाकों में बाहर से आकर कई दिन से रुके लोगों के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाई जा रही है।
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10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ भरे इलाके में कार में जोरदार धमाका हुआ था। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। जांच में आतंकी हमले का खुलासा हुआ था। इस घटना के बाद सफेदपोश आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान में फरीदाबाद से डाॅ. शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। शुरुआती जांच में उसके पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आए थे। बाद में उसके भाई डाॅ. परवेज सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था।
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उसने आगरा के एसएन मेडिकल काॅलेज से वर्ष 2015 में एमडी की पढ़ाई की थी। छह महीने नाैकरी करने के बाद चला गया था। मेडिकल काॅलेज से उसका कनेक्शन सामने आने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। उसके शैक्षिक दस्तावेज फ्रीज कर दिए गए हैं। एक बार एटीएस ने काॅलेज पहुंचकर जांच की थी। मेडिसिन विभाग और हाॅस्टल में पहुंचकर जानकारी जुटाई थी।
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग जगह पर चल रही कार्रवाई के बाद टीमें जांच में लगी हैं। पकड़े गए लोगों का जहां भी लिंक मिल रहा है, वहां जाकर जानकारी जुटाई जा रही है। अगर, डाॅ. परवेज के संपर्क में आगरा का कोई डाॅक्टर और अन्य रहा होगा तो पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से आकर आगरा मंडल के जिलों में पढ़ाई करने वालों पर भी एटीएस की नजर है। यह देखा जा रहा है कि कोई संदिग्ध गतिविधि में तो शामिल नहीं है। उनका सत्यापन किया जा रहा है।
मिश्रित आबादी वाले इलाकों से जुटाई जा रही जानकारी
आगरा में मंटोला, न्यू आगरा, लोहामंडी, शहीद नगर आदि इलाकों में बाहर से जमात आते हैं। इनमें अलग-अलग जिलों के लोग शामिल होते हैं। पिछले दिनों पुलिस ने इमाम और मुतवल्लियों के साथ बैठक की थी। निर्देश दिए थे कि किसी भी जमात को बिना अनुमति नहीं रोका जाए। इसके साथ ही बाहर से आने वालों की जानकारी पुलिस को भी दी जाए। वह आगरा आएंगे तो अपने जिलों से सत्यापन कराके लाएंगे। उनकी गतिविधि संदिग्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मिश्रित आबादी वाले इलाकों में बाहर से आकर कई दिन से रुके लोगों के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाई जा रही है।