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यूपी पुलिस भर्ती: सिपाही बनने के लिए लगाई गजब की तरकीब...लेकिन ऐसा फंसा, जिंदगीभर नहीं भूल पाएगा
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 25 Jan 2025 08:53 AM IST
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सार
यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थी ने गजब की तरकीब खोज निकाली, लेकिन प्रमाणपत्र के सत्यापन में उसकी पोल खुल गई। उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। जालसाजी करने के आरोप में जेल भेजा गया है।

फर्जी अभ्यर्थी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के दस्तावेज सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षा (डीवीपीएसटी) में बृहस्पतिवार को मथुरा के धर्मपुरा निवासी प्रदीप को पकड़ा गया। वह सिपाही भर्ती में शामिल होना चाहता था, लेकिन उम्र अधिक हो गई थी। उसने उम्र कम करने के लिए फर्जीवाड़ा किया। दो बार हाईस्कूल की परीक्षा दी। केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।

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डीसीपी मुख्यालय अली अब्बास ने बताया कि पुलिस लाइन में सिपाही भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों के दस्तावेज सत्यापन और शारीरिक मानक की जांच चल रही है। बृहस्पतिवार को मथुरा के धर्मपुरा निवासी प्रदीप सिंह का बायोमेट्रिक किया गया। उसके फार्म में जन्मतिथि 5 जुलाई 2005 और ई केवाईसी में 12 मई 1998 आ रही थी। इससे शक हो गया। हिरासत में लेकर तलाशी ली। उसके बैग में मोबाइल फोन, दो अलग-अलग जन्मतिथि के आधार कार्ड, पैनकार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद हुए।
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पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा वर्ष 2013 में पास की थी। जन्मतिथि मई 1998 है। सिपाही भर्ती सहित अन्य परीक्षाओं में आवेदन के लिए वर्ष 2020 में दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा दी। इस बार जन्मतिथि जुलाई 2005 कर ली। पुलिस भर्ती के लिए आवेदन कर दिया। लिखित परीक्षा पास कर ली। उसे लग रहा था कि पकड़ा नहीं जाएगा। नौकरी पाने के लिए उसने ऐसा किया। मामले में पुलिस लाइन में तैनात दरोगा नवनीत गौड़ ने केस लिखाया है।
सख्ती का दिख रहा असर
डीसीपी मुख्यालय ने बताया कि पुलिस लाइन में लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र का सत्यापन किया जा रहा है। फिजिकल स्टेटिक टेस्ट भी होता है। पूरी प्रक्रिया में तीन बोर्ड बनाए गए हैं। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासनिक अधिकारी रहते हैं। सख्ती का असर दिख रहा है। रोजाना 225 को बुलाया जा रहा है। मगर, इनमें से 10 से 12 रोजाना अनुपस्थित रह रहे हैं। आशंका है कि यह वही अथ्यर्थी हैं, जो संदिग्ध माने गए थे।
डीसीपी मुख्यालय ने बताया कि पुलिस लाइन में लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र का सत्यापन किया जा रहा है। फिजिकल स्टेटिक टेस्ट भी होता है। पूरी प्रक्रिया में तीन बोर्ड बनाए गए हैं। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासनिक अधिकारी रहते हैं। सख्ती का असर दिख रहा है। रोजाना 225 को बुलाया जा रहा है। मगर, इनमें से 10 से 12 रोजाना अनुपस्थित रह रहे हैं। आशंका है कि यह वही अथ्यर्थी हैं, जो संदिग्ध माने गए थे।