Prayagraj : सिक्सलेन पुल पर यातायात शुरू होने के बाद मरम्मत के लिए बंद होगा फाफामऊ पुल
करीब 50 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके गंगा नदी पर स्थित चंद्रशेखर आजाद फाफामऊ पुल की स्थायी मरम्मत का काम, यातायात के लिए कोई बेहतर विकल्प न होने की वजह से एक साल के लिए टाल दिया गया है।


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करीब 50 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके गंगा नदी पर स्थित चंद्रशेखर आजाद फाफामऊ पुल की स्थायी मरम्मत का काम, यातायात के लिए कोई बेहतर विकल्प न होने की वजह से एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब गंगा नदी पर स्टेनली रोड से मलाक हरहर, फाफामऊ तक बन रहे सिक्सलेन पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही इस पुल को मरम्मत के लिए बंद किया जाएगा। फिलहाल पुल पर अस्थायी तौर पर मरम्मत का काम किया जाएगा, ताकि प्रयागराज, लखनऊ, प्रतापगढ़ व सुल्तानपुर की तरफ से आने वाला यातायात प्रभावित न हो।
लोक निर्माण विभाग की तरफ से फाफामऊ स्थित चंद्रशेखर आजाद पुल की मरम्मत का प्रस्ताव जिलाधिकारी की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। इस पुल की मरम्मत के लिए गाजियाबाद की कार्यदायी संस्था को नामित किया गया था। मरम्मत का काम होली के बाद ही शुरू होना था।
पुल के दो-तीन एक्सपेंशन ज्वाइंट आवाज कर रहे हैं। इन्हें समय-समय पर अस्थायी ताैर पर ठीक किया जाता रहा है। लेकिन लोक निर्माण विभाग इस बार पुल की मरम्मत स्थायी ताैर पर करवाना चाह रहा है। जिसके लिए पुल पर यातायात 20 से 25 दिन के लिए रोका जाना है लेकिन यह काम सिक्सलेन पुल के शुरू हो जाने के बाद ही किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले इस सेतु की मरम्मत का काम 2022 में किया गया था।
ऐसे में तीन साल के अंदर एक बार पुन: सेतु की मरम्मत होनी है जो कि तीन साल का पूरा होने वाला है। मगर यातायात के लिए कोई स्थायी विकल्प न होने की वजह से मरम्मत के काम को एक साल के लिए टाल दिया गया है। इस दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग आस्थायी तौर पर पुल की मरम्मत का काम करेगा।
वहीं, दूसरी तरफ गंगा नदी पर बन रहे सिक्सलेन पुल का काम 75 फीसदी तक पूरा हो चुका है। ऐसे में पुल की कार्यदायी संस्था ने दिसंबर 2025 तक पुल का निर्माण कार्य पूरा होने की बात कही है।
फिलहाल कोई विकल्प न होने की वजह से पुल को मरम्मत के लिए बंद नहीं किया जाएगा। सिक्सलेन पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही पुल की मरम्मत होगी। अभी अस्थाई मरम्मत का काम ही पुल पर किया जाएगा। -आरपी सिंह, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।