सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Prayagraj News ›   Five hundred metric tons of oxygen so far from Bokaro and Jamshedpur

बोकारो और जमशेदपुर से अब तक आई पांच सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन 

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 13 May 2021 02:16 AM IST
विज्ञापन
सार

  • कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से जिले एक दिन में 40 मीट्रिक टन की हो गई थी डिमांड
  • कालाबाजारी रोकने के लिए जिला प्रशासन ने दो दिनों से ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था की शुरू

Five hundred metric tons of oxygen so far from Bokaro and Jamshedpur
ऑक्सीजन - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मार्च के बाद अप्रैल में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो जिले में संचालित तीनों ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पाए। ऑक्सीजन की डिमांड अचानक चार से पांच गुना अधिक हो गई। एक-एक दिन में 40 मीट्रिक टन की जरूरत पड़ने लगी। चारों ओर से ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचने लगी। लोग ऑक्सीजन के बिना मरने लगे। ऐसी स्थिति को देखते हुए जमशेदपुर और बोकारो से लिक्विड आक्सीजन मंगाई जाने लगी। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक जिले में जमशेदपुर और बोकारो से अप्रैल और मई में तकरीबन पांच सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। उधर, जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने के लिए आनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की है। लोग ऑनलाइन आवेदन कर आसानी से ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं। 
loader
Trending Videos


चीफ ड्रग इंस्पेक्टर गोविंद गुप्ता ने बताया कि जिले में जमशेदपुर और बोकारो से ऑक्सीजन की आपूर्ति अप्रैल के तीसरे सप्ताह से शुरू हुई है। किसी रोज 20 मीट्रिक टन तो किसी रोज 15 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आने लगी। अब तो प्रयागराज के लिए तीन टैंकर भी निश्चित कर दिए गए हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन


इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को राहत मिली। जमशेदपुर और बोकारो से आने वाला ऑक्सीजन यमुनापार स्थित तीनों प्लांटों को भेजा जाने लगा। फिर तीनों प्लांटों से ऑक्सीजन को सिलिंडरों में भरकर अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग अपने लिए भी सिलिंडर  भरवा रहे हैं। उसके लिए उन्हें डॉक्टर के पर्चे के साथ जिला प्रशासन की वेबसाइट प्रयागराज डॉट इन पर आवेदन करना पड़ रहा है।

ऑनलाइन आवेदन पर डॉक्टर का पर्चा भी अपलोड करना पड़ रहा है। ऑक्सीजन सप्लाई की मॉनीटरिंग कर रहे समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण सिंह कहते हैं कि ऑनलाइन आवेदन को डॉक्टरों की मॉनीटर कर सहमति देती है। इस नियम को अभी दो दिन से ही शुरू किया गया है। खासकर ऑक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने के लिए किया गया है। जिससे कि ऑक्सीजन भराने वाले को ज्यादा पैसे न देने पड़े। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस नियम को बहुत सख्त नहीं किया गया है। अगर किसी मरीज को बहुत जरूरत है तो चिकित्सक के पर्चे पर उसे ऑक्सीजन दी जा रही है। उसमें कोई दिक्कत नहीं है।

ऑक्सीजन की मांग में 40 फीसदी तक आई कमी

 कोविड-19 संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। इसके बाद ऑक्सीजन की मांग में भी 40 फीसदी तक कमी आई है। हालांकि होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए अब भी रोजाना 110 से 115 सिलिंडर की मांग है। वहीं तीन दिन पहले तक यह संख्या 200 के पार थी। कोविड संक्रमितों की संख्या दो हजार के पार पहुंचने के बाद ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ गई थी। ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से कई लोगों की मौत भी हो गई। इस तरह की समस्या बढ़ने के बाद होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए नैनी स्थित बालाजी गेस्ट हाउस से ऑक्सीजन सिलिंडर आपूर्ति की व्यवस्था की गई।

परिजनों को गेस्ट में ही खाली सिलिंडर जमा करना है और 24 घंटे बाद वहीं से भरा सिलेंडर दिया जा रहा है। गेस्ट हाउस के गिरीश ने बताया कि एक सप्ताह पहले तक 200 से अधिक सिलिंडर की मांग थी। हालांकि अब मांग में कुछ कमी आई है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 110 लोग ऑक्सीजन सिलिंडर ले गए थे। बुधवार को भी शाम पांच बजे तक 90 सिलिंडर निकाले जा चुके थे। वहीं प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई है। इससे ऑक्सीजन की मांग में कमी आई है। इसके अलावा शुरू में वे लोग भी आए जिन्हें बहुत ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी।

दस घंटे बाधित रहा ऑक्सीजन रिफलिंग का कार्य 

परेरहॉट स्थित ऑक्सीजन रिफलिंग प्लांट में बुधवार को दस घंटे रिफलिंग का कार्य बाधित रहा। यहां पर सिलेंडर रिफलिंग के लिए दो यूनिट है, जिसमें एक यूनिट में कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी। इस कारण बुधवार सुबह से ही इस यूनिट की मरम्मत चल रही थी। देर शाम यूनिट चालू हो गई और इसके बाद सिलिंडर रिफलिंग का काम शुरू हो सका।

प्लांट कर्मचारियों ने बताया कि हॉस्पिटल से रिफलिंग के लिए आए सिलिंडर की आपूर्ति बहाल थी, लेकिन जो होम आइसोलेशन के लिए सिलिंडर रिफलिंग कराने आए थे उन्हें थोड़ा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाला जी गेस्ट हाउस की ओर बने प्रवेश मार्ग से जरूरतमंदों का सिलिंडर जमा कर लिया गया और फिर उन्हें देर शाम बुलाया गया। शनिवार को शुरू हुई इस व्यवस्था में प्रतिदिन 150 से 200 सिलिंडरों की रिफलिंग की जा रही है। सभी को सिलिंडर जमा कर उन्हें दो से तीन घंटें बाद रिफिल करके दे दिया जाता है। ऐसे में प्लांट के बाहर भीड़ भी एकत्र होती साथ ही जरूरतमंदों को आसानी से सिलिंडर उपलब्ध कराया जाता है। संवाद
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed