राज्य विवि के साढ़े चार लाख विद्यार्थी बिना परीक्षा होंगे प्रमोट
- मुक्त विश्वविद्यालय के भी 50 हजार शिक्षार्थियों को मिलेगा नई व्यवस्था का फायदा
- शासन से दिशा-निर्देश मिलते ही विश्वविद्यालयों में तैयार की जाएगी विस्तृत कार्ययोजना
प्रयागराज। कोविड-19 के मद्देजनर राज्य विश्वविद्यालयों और उनके संघटक कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है और मुख्यमंत्री इसके लिए तैयार हैं। यह खबर सामने आने के बाद प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि ने अपने स्तर से इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस व्यवस्था के लागू होने से राविवि के जहां साढ़े चार लाख छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी, वहीं, मुविवि से जुड़े 50 हजार शिक्षार्थी भी इस व्यवस्था के दायरे में आएंगे।
प्रयागराज मंडल में राविवि से संबद्ध 629 कॉलेजों में स्नातक एवं परास्नातक के चार लाख 40 हजार 88 छात्र-छात्राएं हैं, जिनमें दो लाख 27 हजार 631 छात्र और दो लाख 12 हजार 457 छात्राएं शामिल हैं। इनमें स्नातक एवं परास्नातक की सेमेस्टर परीक्षा देने वाले 53063, प्रोफेशनल कोर्स के 36349 और वार्षिक स्नातक एवं परास्नातक परीक्षा देने वाले तीन लाख 50 हजार 676 विद्यार्थी हैं। प्रयागराज में ही तकरीबन ढाई लाख छात्र-छात्राएं हैं। अब इन सभी को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाएगा। राविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव का कहना है कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य विवि के छात्र-छात्राओं को भी बिना परीक्षा प्रमोट किया जाएगा। इस किस प्रकार लागू किया जाना है, जल्द ही इस पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
बिना परीक्षा प्रमोशन का लाभ उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि के शिक्षार्थियों को भी मिलेगा। मुविवि के प्रदेश में 11 क्षेत्रीय केंद्र और तकरीबन 1100 सक्रिय अध्ययन केंद्र हैं। इन केंद्रों से 50 हजार से अधिक शिक्षार्थी जुड़े हुए हैं। प्रयागराज में ही तकरीबन 20 हजार शिक्षार्थी है। प्रदेश में बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की व्यवस्था लागू किए जाने पर मुविवि से जुड़े शिक्षार्थी भी इससे प्रभावित होंगे। मुविवि के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह का कहना है कि शिक्षार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से जारी होने वाले दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही मुविवि निर्णय लेगा।