यूपी में ब्राह्मणों पर शुरू हुई सियासत के बीच सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ऋषि-मुनियों को जातियों में बांटने पर एतराज जताया। सपा के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाए जाने के एलान पर परिषद ने अनुचित करार दिया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटा जाना गलत है। इससे बचा जाना चाहिए।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि यह सनातन धर्म और हिंदू समाज को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि हमारे आराध्य देवी -देवताओं को जातियों में बांटकर देखना उचित नहीं है। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि जहां तक बात महर्षि परशुराम की है, तो वे भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने लोगों से अपील की कि वे समाज को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में न आएं। बल्कि ऐसे लोगों का एकजुट होकर विरोध करें, ताकि सनातन परंपरा की एकता और अखंडता बनी रहे। उन्होंने बताया कि परिषद जल्द ही ऐसी विघटनकारी ताकतों से लोगों को सजग करने के लिए अभियान चलाएगा।
उन्होंने कहा कि कि पांच सौ वर्ष के बाद सनातन धर्म की सबसे बड़ी जीत हुई है और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इससे देश ही नहीं पूरे विश्व के सनातन धर्मावलंबियों में उत्साह है। लेकिन, कुछ लोगों को यह उपलब्धि रास नहीं आ रही है। इसी वजह से हिंदू देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों को जातियों में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने की कोशिश की जा रही हैं।
यूपी में ब्राह्मणों पर शुरू हुई सियासत के बीच सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ऋषि-मुनियों को जातियों में बांटने पर एतराज जताया। सपा के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाए जाने के एलान पर परिषद ने अनुचित करार दिया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटा जाना गलत है। इससे बचा जाना चाहिए।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि यह सनातन धर्म और हिंदू समाज को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि हमारे आराध्य देवी -देवताओं को जातियों में बांटकर देखना उचित नहीं है। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि जहां तक बात महर्षि परशुराम की है, तो वे भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने लोगों से अपील की कि वे समाज को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में न आएं। बल्कि ऐसे लोगों का एकजुट होकर विरोध करें, ताकि सनातन परंपरा की एकता और अखंडता बनी रहे। उन्होंने बताया कि परिषद जल्द ही ऐसी विघटनकारी ताकतों से लोगों को सजग करने के लिए अभियान चलाएगा।
उन्होंने कहा कि कि पांच सौ वर्ष के बाद सनातन धर्म की सबसे बड़ी जीत हुई है और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इससे देश ही नहीं पूरे विश्व के सनातन धर्मावलंबियों में उत्साह है। लेकिन, कुछ लोगों को यह उपलब्धि रास नहीं आ रही है। इसी वजह से हिंदू देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों को जातियों में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने की कोशिश की जा रही हैं।