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अश्रुधारा के बीच मां-बेटे का संगम : संगम तट पर दरोगा बेटे से बिछड़ी मां को सोशल मीडिया ने मिलाया

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Mon, 04 Dec 2023 11:50 AM IST
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सार

प्रयागराज में पिंडदान के बाद त्रिवेणी तट पर ही दरोगा बेटे और बहू से बिछड़ने के बाद रो-रो कर अचेत पड़ी मां को कुछ लोगों ने न सिर्फ दवा और ठौर दिलाई, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए आंसुओं की धार के बीच अपनों से मिलाकर खुशियों की बारिश भी कर दी। यह वाकया 23 नवंबर का है।

Meeting of mother and son amidst tears: Social media reunites mother separated from her son on the banks of Sa
संगम तट पर परिवार से बिछड़ी वृद्धा को परिवार से मिलाया गया। - फोटो : अमर उजाला।
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संगम को यूं ही मिलन की भूमि नहीं कहा जाता। यह धरा हमेशा से बिछड़ों को अपनों से मिलाती रही है। रविवार को यह बात सच साबित हुई। बिछड़ने की पीड़ा के बाद मिल जाने की खुशी की यह कहानी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से नौ दिन पहले संगम पर स्नान और पिंडदान के लिए आए एक परिवार की है।

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पिंडदान के बाद त्रिवेणी तट पर ही दरोगा बेटे और बहू से बिछड़ने के बाद रो-रो कर अचेत पड़ी मां को कुछ लोगों ने न सिर्फ दवा और ठौर दिलाई, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए आंसुओं की धार के बीच अपनों से मिलाकर खुशियों की बारिश भी कर दी। यह वाकया 23 नवंबर का है।
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मुर्शिदाबाद के सागद्रिगी थाने के बाला नगर गांव निवासी अवक सरकार अपनी मां आशा लता सरकार, पत्नी और बेटे के साथ पूर्वजों के पिंडदान के लिए संगम पहुंचे थे। अवक कोलकाता में सहायक पुलिस उप निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। पिंडदान के बाद उनकी मां आशा लता परिजनों से बिछड़ गईं। बिछड़ी मां की तलाश में भटकते अवक का भी बुरा हाल हो गया।

अंतत: थक हार कर वह कोलकाता चले गए। इधर, 24 नवंबर को गीता निकेतन के पास घायल अवस्था में अचेत पड़ीं वृद्धा पर सेवानिवृत्त डीएफओ ललित गिरि की नजर पड़ी। ललित ने न सिर्फ उन्हें उठाकर दारागंज के धनराज ओल्ड एज होम में पहुंचाया, बल्कि वहां उन्हें अपने आधार कार्ड पर जगह दिलाई। आश्रम की संचालिका डॉ. सुजाता पांडेय बताती हैं कि घायल अवस्था में आईं वृद्धा बंग्ला में बोल रही थीं। इस वजह से उनके नाम, पते की जानकारी जुटाना मुश्किल हो गया। इस बीच सुजाता ने उनका एक वीडियो बनाकर फेसबुक के अलावा अलग-अलग व्हाट्सएप समूहों में डाल दिया।

सोशल मीडिया पर जब उनका वीडियो वायरल हुआ, तब इसकी जानकारी कोलकाता में अवक को मिली। अवक को जब पता चला कि उनकी मां प्रयागराज के वृद्धाश्रम में सुरक्षित हैं, तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रविवार को वह आश्रम पहुंचे। अपनी मां आशा लता को देखते ही उनसे लिपट गए। मां-बेटे की खुशियों के आंसुओं ने मिलन के उन क्षणों में हर किसी को भावुक बना दिया। अवक कागज की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अपनी मां को लेकर देर शाम कोलकाता के लिए रवाना हो गए।
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