Nia Raid : देवेंद्र आजाद के कमरे से प्रतिबंधित साहित्य बरामद, छह घंटे तक दागे सवाल
टीम भोर में तीन बजे शिवकुटी थाने पहुंची। यहां से फोर्स के साथ पांच बजे के करीब टीम ने गोविंदपुर स्थित आशीष लॉज में छापा मारा। अफसरों ने देवेंद्र के बारे में पूछा और फिर सीधे उसके कमरे में पहुंच गए। वहां पहुंचकर बताया कि वह पूर्व में दर्ज एक केस की विवेचना के संबंध में उससे पूछताछ करने आए हैं।


विस्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने शुक्रवार को शिवकुटी के गोविंदपुर स्थित लॉज में छापा मारा। यहां मूलत: आगरा के रहने वाले छात्र देवेंद्र सिंह से छह घंटे तक पूछताछ की गई। उससे अर्बन नक्सल मूवमेंट से संबंधित केस की विवेचना के क्रम में सवाल किए गए। कमरे की तलाशी ली और वहां मिले तीन साहित्य जब्त कर सुबह 11 बजे टीम लौट गई।
टीम भोर में तीन बजे शिवकुटी थाने पहुंची। यहां से फोर्स के साथ पांच बजे के करीब टीम ने गोविंदपुर स्थित आशीष लॉज में छापा मारा। अफसरों ने देवेंद्र के बारे में पूछा और फिर सीधे उसके कमरे में पहुंच गए। वहां पहुंचकर बताया कि वह पूर्व में दर्ज एक केस की विवेचना के संबंध में उससे पूछताछ करने आए हैं। साथ ही उसे सर्च वारंट भी दिखाया। इसके बाद उससे पूछताछ शुरू हुई और फिर लगातार सवाल किए जाते रहे। अफसरों ने उसका मोबाइल खंगाला और कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव कुछ नामों के बारे में भी सवाल पूछे।
यह था पूरा मामला
सूत्रों का कहना है कि जिस केस की विवेचना के क्रम में एनआईए ने छात्र से पूछताछ की, वह नक्सल मूवमेंट से जुड़े प्रतिबंधित संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश से संबंधित है। पिछले साल जनवरी में यह केस एनआईए लखनऊ में दर्ज हुआ था। इसमें प्रयागराज के सात लोग आरोपी हैं। इनमें पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज(पीयूसीएल) की प्रदेश अध्यक्ष सीमा आजाद, उनके पति विश्वविजय, भाई मनीष आजाद, भाभी अमिता शिरीन, रितेश विद्यार्थी व उनकी पत्नी सोनी आजाद व कृपाशंकर शामिल हैं।
‘कमरे से तीन साहित्य उठा ले गए
’छात्र देवेंद्र का दावा है कि तलाशी के दौरन उसके कमरे से एनआईए को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। मौके से दो मैगजीन ‘मशाल’ व ‘दस्तक’ की प्रतियां उठाकर ले गए। साथ ही ‘इलाहाबाद नागरिक समाज ’ की ओर से कुछ महीनों पहले प्रो.अनूप कुमार, जेएनयू के कार्यक्रम के संबंध में तैयार किया गया पर्चा भी ले गए। उसने यह भी बताया कि एनआईए की ओर से जब्त किए गए सामान की जाे सूची बनाई गई। उस पर यह भी लिखा है कि कमरे से कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला। छात्र ने कार्रवाई के तरीके को गलत बताया। कहा कि उनके घर जांच एजेंसी के लोग पांच से छह गाड़ियों में पहुंचे, जिससे आसपास घंटों दहशत का माहौल रहा।