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    Ambedkar Nagar News: भागवत कथा सुनने से मनुष्य को होती है मोक्ष की प्राप्ति
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर             
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 12:21 AM IST
        
       
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                अंबेडकरनगर। क्षेत्र के आमदपुर तिंदौली गांव में सोमवार को सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर प्रवाचक आचार्य मुकेशानंद महाराज अयोध्या धाम का विधिवत माला पहनाकर स्वागत किया गया। पूरे परिसर में भक्ति, संगीत और श्रद्धा का अनुपम माहौल देखने को मिला।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
कथा के प्रथम दिवस में आचार्य ने भागवत कथा के महत्व का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मिट जाता है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण मनुष्य को अभय बना देता है। यह कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है, जो मनुष्य के हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाती है। प्रवाचक ने आगे कहा कि प्राचीन काल में नैमिषारण्य तीर्थ में शौनकादिक अठ्ठासी हजार ऋषियों ने सूतजी से यह प्रश्न किया था कि कलियुग में वेदविद्या से वंचित मनुष्य प्रभु की भक्ति कैसे प्राप्त करेंगे? तब सूतजी ने नारद और भगवान विष्णु संवाद का प्रसंग सुनाया।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
उन्होंने बताया कि देवर्षि नारदजी, लोकहित की भावना से जब मृत्युलोक में आए तो उन्होंने मनुष्यों को अपने कर्मों से पीड़ित देखा। तब वे विष्णुलोक पहुंचे और भगवान से निवेदन किया कि मनुष्यों के दुखों को कैसे दूर किया जा सकता है। इस मौके पर मुख्य यजमान आशा देवी, उनके पुत्र कपिल चतुर्वेदी, रामशौक चतुर्वेदी, लवकुश चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, बद्री प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीण मौजूद रहे।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                कथा के प्रथम दिवस में आचार्य ने भागवत कथा के महत्व का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मिट जाता है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण मनुष्य को अभय बना देता है। यह कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है, जो मनुष्य के हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाती है। प्रवाचक ने आगे कहा कि प्राचीन काल में नैमिषारण्य तीर्थ में शौनकादिक अठ्ठासी हजार ऋषियों ने सूतजी से यह प्रश्न किया था कि कलियुग में वेदविद्या से वंचित मनुष्य प्रभु की भक्ति कैसे प्राप्त करेंगे? तब सूतजी ने नारद और भगवान विष्णु संवाद का प्रसंग सुनाया।
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            उन्होंने बताया कि देवर्षि नारदजी, लोकहित की भावना से जब मृत्युलोक में आए तो उन्होंने मनुष्यों को अपने कर्मों से पीड़ित देखा। तब वे विष्णुलोक पहुंचे और भगवान से निवेदन किया कि मनुष्यों के दुखों को कैसे दूर किया जा सकता है। इस मौके पर मुख्य यजमान आशा देवी, उनके पुत्र कपिल चतुर्वेदी, रामशौक चतुर्वेदी, लवकुश चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, बद्री प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीण मौजूद रहे।