{"_id":"6902534e6b0b36782904d8a8","slug":"friendship-should-be-like-that-of-shri-krishna-and-sudama-ambedkar-nagar-news-c-91-1-abn1014-144381-2025-10-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ambedkar Nagar News: श्रीकृष्ण-सुदामा जैसी होनी चाहिए मित्रता","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Ambedkar Nagar News: श्रीकृष्ण-सुदामा जैसी होनी चाहिए मित्रता
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Wed, 29 Oct 2025 11:17 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
अंबेडकरनगर। सम्मनपुर के कहरा सुलेमपुर में श्रीमद्भागवत कथा का आयाेजन किया जा रहा है। बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। प्रवाचक पंडित विपुल ने कहा कि मित्रता हो तो कृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे।
द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा-सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया-कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण ने सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। इस दौरान मुख्य यजमान दुर्गा प्रसाद सिंह, रामबुझ यादव, संग्राम सिंह, संजय सिंह, राजीव शेखर त्रिपाठी, राम उजागिर लाल श्रीवास्तव, संजय दुबे व सुरेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।
द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा-सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया-कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण ने सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। इस दौरान मुख्य यजमान दुर्गा प्रसाद सिंह, रामबुझ यादव, संग्राम सिंह, संजय सिंह, राजीव शेखर त्रिपाठी, राम उजागिर लाल श्रीवास्तव, संजय दुबे व सुरेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन