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Ambedkar Nagar News: वजन तौलने की मशीन बनकर रह गए हेल्थ एटीएम

संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर Updated Tue, 25 Nov 2025 12:13 AM IST
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Health ATMs have become weighing machines.
खराब पड़ा हेल्थ एटीएम।
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अंबेडकरनगर। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों को संपूर्ण इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल और टांडा को छोड़कर किसी भी सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। रक्त की जांचें भी आधी-अधूरी हो रही हैं। लाखों की लागत से लगाए गए हेल्थ एटीएम सिर्फ बीपी और वजन नापने वाली मशीन बनकर रह गए हैं। ऐसे में मरीजों को निजी लैब या जिला मुख्यालय की ओर रुख करना पड़ता है। इस वजह से उनकी जेबें भी ढीली हो रही हैं।
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जिले में 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 36 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 200 बेड का अस्पताल टांडा में संचालित है। जांच के नाम पर खून की सिर्फ सामान्य जांचें ही हो पा रही हैं। सीएचसी बसखारी, कटेहरी, नगपुर जलालपुर, भीटी, आलापुर, अकबरपुर, राजेसुल्तानपुर, भियांव, जहांगीरगंज व बेवाना में आज तक अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मुहैया कराई जा सकी है। यहां गर्भवतियों को निशुल्क जांच के लिए प्राइवेट केंद्रों का टोकन दिया जाता है, लेकिन ओटीपी न आने से यह सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। बसखारी सीएचसी पर आए दिन एक्सरे मशीन खराब होने के कारण मरीजों को भटकना पड़ता है। पूर्व में इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रस्ताव भी तैयार कराए गए, लेकिन इन पर आज तक अमल नहीं किया जा सका है।
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नहीं होती गंभीर जांचें
सीएचसी कटेहरी में रक्त जांच के लिए नई मशीन लगाई गई है। इसके बाद भी यहां एलएफटी, केएफटी, लिपिड प्रोफाइल व यूरिक एसिड की जांच नहीं हो रही है। लोगों को मजबूरी में इन जांचों को बाहर से कराना पड़ता है। भिखारीपुर के रहने वाले सदलू ने बताया कि उन्हें लिवर में कुछ समस्या है, लेकिन जांच नहीं हो पाई। केवल अस्पताल से उपचार हो सका।

मोबाइल पर दी जाती है एक्सरे की फोटो
200 बेड के एमसीएच विंग टांडा में वैसे तो 23 प्रकार की जांच हो रही हैं। यहां पर प्रतिदिन 50 मरीजों की जांच होती है। एक्सरे की फिल्म यहां नहीं है, ऐसे में इसकी फोटो खींचकर दी जा रही है। जांच कराने आईं टांडा की तारादेवी ने बताया कि वह सोमवार को अस्पताल में एक्सरे की जांच के बाद फिल्म नहीं दी गई है।

लिवर व किडनी जांच की नहीं है व्यवस्था
सीएचसी बसखारी में लिवर व किडनी की जांच की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए लोगों को अकबरपुर स्थित जिला अस्पताल या निजी पैथोलॉजी का सहारा लेना पड़ता है। इससे जहां लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। यहां पर रोजाना 200 से 250 मरीज उपचार के लिए आते हैं। क्षेत्र के लखनपुर गांव के रहने वाले बलराम मिश्रा ने बताया कि लीवर की जांच के लिए आए थे, लेकिन वापस लौटना पड़ा।

हेल्थ एटीएम बंद
सीएचसी भियांव सेमरा में भी एटीएम लगवाया गया था जो काफी समय से खराब पड़ा है, जिससे जांच नहीं हो पा रही है। इसके जरिये मरीजों को 59 प्रकार की जांचों की सुविधा मिलने लगी थी। करीब छह माह से एटीएम से मात्र बीपी व वजन ही नापने का काम चल रहा है।



जिले में सभी सीएचसी पर जांच की व्यवस्था है। अल्ट्रासाउंड जिला चिकित्सालय व टांडा पर ही होता है, क्योंकि अन्य कहीं पर इसकी सुविधा नहीं है। मशीनें मुहैया कराने के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। कमियों को दुरुस्त कराने की भी कवायद चल रही है।

- डॉ. संजय कुमार शैवाल, सीएमओ
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