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Ambedkar Nagar News: हवाओं से फसलें गिरीं, किसान परेशान, सब्जियों को भी नुकसान

संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर Updated Tue, 28 Oct 2025 11:40 PM IST
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Winds have damaged crops, causing distress to farmers and damage to vegetables.
टांडा क्षेत्र के सूरापुर में गिरी धान की फसल।
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अंबेडकरनगर। सोमवार को दिनभर बादलों की आवाजाही के बाद मंगलवार तड़के जिले के अधिकांश इलाकों में लगातार तीन घंटे तक रुक-रुककर बारिश हुई। इसके बाद चली तेज हवाओं ने धान की खड़ी फसलों को खेतों में गिरा दिया। वहीं, कटाई के बाद खेत-खलिहान में सुखाने के लिए रखे गए धान के बोझे भी भीग गए, जिससे उनके अंकुरित होने और खराब होने का खतरा बढ़ गया है। बारिश के दौरान शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी बाधित रही। तापमान में करीब एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सर्दी बढ़ने के साथ मौसम जनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका है।



गाढ़ी कमाई बचाने में जुटे किसान
इस समय जिले में करीब 1.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल तैयार है, पर अभी तक केवल 20 प्रतिशत अगेती धान की ही कटाई हो पाई है। दीपावली के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने कटाई शुरू की थी, लेकिन बारिश और हवा ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अकबरपुर, जलालपुर, टांडा, बसखारी, भीटी और आलापुर क्षेत्रों में किसानों की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
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बड़ागांव निवासी किसान सुरेश वर्मा ने बताया कि धान पूरी तरह भीग गया है, अब इसके सड़ने और अंकुरित होने का खतरा है। मजबूरन इसे पशुओं को चारे के रूप में देना पड़ेगा। जलालपुर के दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि आलू की बोआई पर भी असर पड़ा है। अस्थाबाद निवासी छट्टू वर्मा ने बताया कि पिछेती धान अभी तैयार नहीं हुआ था, लेकिन बारिश और हवा से वह खेत में ही गिर गया है। टांडा क्षेत्र के सूरापुर कमलापुर गांव के अभिषेक वर्मा ने बताया कि अब मशीन से कटाई संभव नहीं, जिससे फसल का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाएगा।


कृषि विशेषज्ञों की सलाह
कृषि विज्ञान केंद्र, पांती के वैज्ञानिक डॉ. रामजीत ने किसानों से अपील की है कि जिन खेतों की फसल कट चुकी है, वे अब रबी की फसलों विशेषकर सरसों और गेहूं की बोवाई की तैयारी करें। लेकिन जिन खेतों में पानी भर गया है, वहां फिलहाल कटाई से बचें और पहले पानी निकालें। सब्जी वैज्ञानिक डॉ. शिवम कुमार ने बताया कि करेला, बैंगन, परवल, टमाटर और अगेती गोभी जैसी सब्जियों की पत्तियां बारिश से सिकुड़ सकती हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि 31 अक्तूबर तक सब्जियों की सिंचाई न करें।
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