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Amethi News: कंपनियों ने साझा किए तकनीकी दृष्टिकोण व नवाचार
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 10 Nov 2025 12:46 AM IST
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राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान जायस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन
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अमेठी सिटी। राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान जायस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आईसीपीएचडी-2025 पेट्रोलियम, हाइड्रोजन एंड डीकार्बोनाइजेशन का रविवार को समापन हुआ। सम्मेलन के तीसरे दिन नवाचार, हरित प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में स्टार्टअप की भूमिका पर मंथन हुआ।
स्टार्टअप कॉन्क्लेव में वर्जिल डायनेमिक्स, ग्रीनोवेट सॉल्यूशंस, एसएनएफ फ्लोपैम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और पीआरईएसपीएल जैसी अग्रणी कंपनियों ने तकनीकी दृष्टिकोण और नवाचार साझा किए। वर्जिल डायनेमिक्स के संस्थापक डॉ. नवीन वेलमुरुगन ने ड्रिलिंग उद्योग में मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन के उपयोग से सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने की दिशा में कार्य योजनाएं प्रस्तुत कीं। ग्रीनोवेट सॉल्यूशंस के निदेशक रोनक मिस्त्री ने क्लीन एनर्जी मॉडल और पर्यावरणीय स्थिरता पर अपने विचार रखे।
एसएनएफ फ्लोपैम के डॉ. महेश कुलकर्णी ने अपशिष्ट जल प्रबंधन और पॉलिमर तकनीक को ऊर्जा स्थिरता से जोड़ा। वहीं, पीआरईएसपीएल के गौरव उपाध्याय ने कृषि अवशेषों से बायोमास उत्पादन कर ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त बनाने पर जोर दिया। समापन सत्र की अध्यक्षता आरजीआईपीटी के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने की। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता उद्योग, शिक्षा और नीति-निर्माण के समन्वय से ही संभव है। उन्होंने उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। संयोजक डॉ. शैलेश कुमार ने बताया कि सम्मेलन ने सततता और ऊर्जा सुरक्षा के लिए विज्ञान की थीम को साकार किया है। आयोजन में प्रोफेसर सतीश सिन्हा, प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह, डॉ. तुषार शर्मा और डॉ. सिद्धार्थ आदि मौजूद रहे।
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स्टार्टअप कॉन्क्लेव में वर्जिल डायनेमिक्स, ग्रीनोवेट सॉल्यूशंस, एसएनएफ फ्लोपैम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और पीआरईएसपीएल जैसी अग्रणी कंपनियों ने तकनीकी दृष्टिकोण और नवाचार साझा किए। वर्जिल डायनेमिक्स के संस्थापक डॉ. नवीन वेलमुरुगन ने ड्रिलिंग उद्योग में मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन के उपयोग से सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने की दिशा में कार्य योजनाएं प्रस्तुत कीं। ग्रीनोवेट सॉल्यूशंस के निदेशक रोनक मिस्त्री ने क्लीन एनर्जी मॉडल और पर्यावरणीय स्थिरता पर अपने विचार रखे।
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एसएनएफ फ्लोपैम के डॉ. महेश कुलकर्णी ने अपशिष्ट जल प्रबंधन और पॉलिमर तकनीक को ऊर्जा स्थिरता से जोड़ा। वहीं, पीआरईएसपीएल के गौरव उपाध्याय ने कृषि अवशेषों से बायोमास उत्पादन कर ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त बनाने पर जोर दिया। समापन सत्र की अध्यक्षता आरजीआईपीटी के निदेशक प्रो. हरीश हिरानी ने की। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता उद्योग, शिक्षा और नीति-निर्माण के समन्वय से ही संभव है। उन्होंने उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। संयोजक डॉ. शैलेश कुमार ने बताया कि सम्मेलन ने सततता और ऊर्जा सुरक्षा के लिए विज्ञान की थीम को साकार किया है। आयोजन में प्रोफेसर सतीश सिन्हा, प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह, डॉ. तुषार शर्मा और डॉ. सिद्धार्थ आदि मौजूद रहे।