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Amethi News: मनुष्य को जीने की कला सिखाती है रामकथा
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 10 Nov 2025 12:32 AM IST
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गौरीगंज के बस्तीदेई गांव में श्रीराम कथा सुनतीं महिलाएं। संवाद
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अमेठी सिटी। गौरीगंज के बस्तीदेई गांव में आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन रविवार को प्रवाचक सुभाष पांडेय ने कहा कि श्रीराम कथा मनुष्य को त्याग, प्रेम और धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। श्रीराम कथा मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है।
प्रवाचक ने कहा कि मनुष्य को तामसी भोजन से दूर रहकर सात्विक आहार अपनाना चाहिए। तामसी भोजन मन और बुद्धि को विचलित करता है, जबकि सात्विक भोजन से मन में शांति और भक्ति की भावना जागृत होती है। भगवान श्रीराम ने भरत के लिए राजपाट त्याग दिया और भरत ने राम के प्रति समर्पण का भाव दिखाया। यही त्याग और प्रेम जीवन का मूल है।
प्रवाचक ने कहा कि त्याग की शुरुआत परिवार से होनी चाहिए। जिस घर में सदस्य एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहते हैं, वहां सदैव सुख और शांति बनी रहती है। सनातन धर्म का सार यही है कि किसी को कष्ट न पहुंचे और हर जीव के कल्याण की कामना की जाए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सेवा, करुणा और सह अस्तित्व की भावना पर आधारित है। कोई भूखा न रहे और सबका मंगल हो, यही सच्चा सनातन धर्म है। व्यक्ति को जीवन में त्याग की भावना भी रखनी चाहिए। इस मौके पर सुभाषचंद्र तिवारी, अशोक तिवारी, अखिलेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
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प्रवाचक ने कहा कि मनुष्य को तामसी भोजन से दूर रहकर सात्विक आहार अपनाना चाहिए। तामसी भोजन मन और बुद्धि को विचलित करता है, जबकि सात्विक भोजन से मन में शांति और भक्ति की भावना जागृत होती है। भगवान श्रीराम ने भरत के लिए राजपाट त्याग दिया और भरत ने राम के प्रति समर्पण का भाव दिखाया। यही त्याग और प्रेम जीवन का मूल है।
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प्रवाचक ने कहा कि त्याग की शुरुआत परिवार से होनी चाहिए। जिस घर में सदस्य एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहते हैं, वहां सदैव सुख और शांति बनी रहती है। सनातन धर्म का सार यही है कि किसी को कष्ट न पहुंचे और हर जीव के कल्याण की कामना की जाए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सेवा, करुणा और सह अस्तित्व की भावना पर आधारित है। कोई भूखा न रहे और सबका मंगल हो, यही सच्चा सनातन धर्म है। व्यक्ति को जीवन में त्याग की भावना भी रखनी चाहिए। इस मौके पर सुभाषचंद्र तिवारी, अशोक तिवारी, अखिलेश तिवारी आदि मौजूद रहे।