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Amethi News: कृष्ण-सुदामा की मित्रता से लेनी चाहिए सीख
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Fri, 09 May 2025 12:50 AM IST
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शाहगढ़ (अमेठी)। जीवन में हर सुख-दुख में साथ रहने वाला ही सच्चा मित्र होता है। श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता से पूरे विश्व को सीख लेनी चाहिए। ये बातें बृहस्पतिवार को पनियार गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में प्रवाचक जानकीदास ने कहीं।
प्रवाचक ने बताया कि सच्चा मित्र हितैषी होता है। बाल सखा सुदामा अपने मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिका स्थित राजमहल पहुंचे तो प्रवेश द्वार पर मौजूद द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक लिया। सुदामा ने द्वारपालों को बताया कि वह कृष्ण के बाल सखा हैं। द्वारपालों से सूचना पाकर भगवान कृष्ण पैदल ही प्रवेश द्वार की ओर दौड़ पड़े। बाल सखा सुदामा को अपने सीने से लगाकर उन्हें अपने राज सिंहासन पर बैठाकर उनके पांव पखारे।
प्रवाचक ने बताया कि जब-जब भक्तों पर विपदा आती हैं, तब-तब प्रभु तारणहार बनते हैं। इस दौरान राधेश्याम तिवारी, काशी प्रसाद मिश्रा, प्रभात पांडेय, कपिल पांडेय, जितेंद्र उपाध्याय, अंकित पांडेय, राधेश्याम चौहान, कंसराज सिंह, शैलेंद्र उपाध्याय, राजू शुक्ल, मयंक पांडेय आदि मौजूद रहे।
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प्रवाचक ने बताया कि सच्चा मित्र हितैषी होता है। बाल सखा सुदामा अपने मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिका स्थित राजमहल पहुंचे तो प्रवेश द्वार पर मौजूद द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक लिया। सुदामा ने द्वारपालों को बताया कि वह कृष्ण के बाल सखा हैं। द्वारपालों से सूचना पाकर भगवान कृष्ण पैदल ही प्रवेश द्वार की ओर दौड़ पड़े। बाल सखा सुदामा को अपने सीने से लगाकर उन्हें अपने राज सिंहासन पर बैठाकर उनके पांव पखारे।
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प्रवाचक ने बताया कि जब-जब भक्तों पर विपदा आती हैं, तब-तब प्रभु तारणहार बनते हैं। इस दौरान राधेश्याम तिवारी, काशी प्रसाद मिश्रा, प्रभात पांडेय, कपिल पांडेय, जितेंद्र उपाध्याय, अंकित पांडेय, राधेश्याम चौहान, कंसराज सिंह, शैलेंद्र उपाध्याय, राजू शुक्ल, मयंक पांडेय आदि मौजूद रहे।