सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Amroha News ›   Chief Minister's Mass Marriage Scheme: Lured by the grant, women again went to become brides

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना : अनुदान के लालच में फिर चलीं दुल्हन बनने

संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा Updated Fri, 21 Nov 2025 02:25 AM IST
विज्ञापन
Chief Minister's Mass Marriage Scheme: Lured by the grant, women again went to become brides
विज्ञापन
अमरोहा/गजरौला। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की धनराशि और सामान हड़पने के लिए पहले से शादीशुदा युवतियों ने दोबारा दुल्हन बनने के लिए आवेदन कर दिए। उन्होंने ऑनलाइन आवेदनों में खुद को अविवाहित बताया लेकिन सत्यापन में उनका यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। गजरौला में आवेदन करने वाली इन पांच युवतियों की शादी एक या दो महीने पहले ही हो चुकी है। पांचों युवतियों के आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है।
Trending Videos


समाज कल्याण विभाग की ओर से गरीब परिवारों की बेटियों के हाथ पीले कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है। इसमें विवाह का खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाता है। योजना के तहत अब खर्च होने वाली रकम को भी बढ़ा दिया गया है लेकिन योजना में अक्सर फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहे हैं। इस बार भी जिले में योजना का लाभ लेने के लिए करीब 850 से अधिक युवतियों की और से आवेदन किए गए हैं जिनके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन


सत्यापन प्रक्रिया के दौरान गजरौला में बड़ा मामला पकड़ में आया है। यहां शादीशुदा युवतियों ने फिर से दुल्हन बन योजना का लाभ लेने के आवेदन कर दिया। ऐसे ही पांच मामले पकड़ में आने के बाद उनके आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है।

पहले भी पकड़ में आ चुके फर्जीवाड़े
केस-एक - फर्जी प्रमाणपत्रों से चार नाबालिग छात्राओं करा दिया था विवाह
नगर पंचायत नौगांवा सादात में वित्तीय वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 48 जोड़ों के निकाह कराए गए थे। मोहल्ला बगला निवासी अफसर अली ने आरोप लगाया था कि इन शादियों में नाबालिग छात्राओं की शादी भी कराई गईं। कुछ लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर योजना का लाभ लिया था। अफसर अली की शिकायत पर तत्कालीन डीएम उमेश मिश्रा ने जांच कराई लेकिन पहले तो अफसरों ने मामले की जांच में ही लीपापोती कर दी थी। हालांकि, तत्कालीन तहसीलदार मोनालिसा जौहरी की जांच में घपला खुलकर सामने आ गया था। जांच में चार नाबालिग छात्राओं की शादी कर योजना का लाभ लिए जाने की पुष्टि हुई थी। इसमें कस्बे के मोहल्ला शाहफरीद निवासी दो सगी नाबालिग बहनों के आधार कार्ड को स्कैन कर उनकी उम्र में संशोधन किया गया था जबकि मोहल्ला गूला तालाब निवासी दो सगी बहनों के साथ भी ऐसा ही हुआ। योजना के तहत उनके निकाह ही नहीं कराए गए थे तथा फर्जी तरीके से शादी दिखा कर योजना का लाभ ले लिया गया था।

केस-दो - सामूहिक विवाह में फर्जी शादी करने की हुई थी कोशिश
24 फरवरी 2025 को श्रीमति सुखदेवी इंटर काॅलेज के मैदान में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन हुआ था। इसमें सीडीओ अश्वनी कुमार ने एक फर्जी जोड़े को पकड़ा था। साथ ही दोनों को पुलिस को हवाले कर दिया गया था। युवक के साथ शादी करने की कोशिश करने वाली महिला शादीशुदा थी और पति से विवाद के कारण मायके में रहती थी। बिना तलाक के वह दूसरी शादी करने जा रही थी। ससुर की शिकायत पर सीडीओ ने दोनों को पकड़ा था।

उधर, फर्जी जोड़े के पकड़ में आते ही समारोह से 145 जोड़े और भाग निकले थे। समारोह में 335 जोड़ों की शादी होनी थी लेकिन इस कार्रवाई के बाद 190 जोड़ों की शादी हो पाई थी। इस मामले में फर्जी तरीके से शादी करने की कोशिश करने वाली आसमा व जाबिर के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर थाने से ही जमानत देकर छोड़ दिया था।

केस-तीन- दूल्हा नहीं आया तो तीन बच्चों के पिता के साथ ले लिए थे फेरे
22 फरवरी 2025 गजरौला के शिव इंटर कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इसमें गजरौला ब्लॉक क्षेत्र के गांव बावनपुरा माफी निवासी प्रियंका का विवाह अमरपाल नामक युवक के साथ होना था। इसमें लड़की पक्ष के लोग विवाह कार्यक्रम में पहुंच गए थे लेकिन लड़का पक्ष के नहीं आए थे। ऐसी स्थिति में लड़की पक्ष के लोगों ने फर्जीवाड़ा करते हुए अमरपाल की जगह सलेमपुर गोसाई गांव निवासी कपिल कुमार को दूल्हा बनाकर मंडप में बैठा दिया था। इसी बीच अफसरों को सूचना मिली थी कि कपिल पहले ही शादीशुदा है और तीन बच्चों का पिता है। उसकी पत्नी का नाम कोमल है। इस पर अधिकारियों ने जांच कराई तो आरोप सही पाया गया। इसके बाद तत्काल उनके विवाह को रोकते हुए सामान भी वापस करा लिया था। इस मामले में दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

ये है प्रावधान
सामूहिक विवाह के बाद कर सकते हैं कार्यक्रम

किसी की सामूहिक विवाह से पहले शादी हो जाती है तो नियम के अनुसार उसको अपात्र माना जाएगा। कुछ परिवार ऐसा जरूर करते हैं कि वह सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहले शादी करा लेते हैं और फिर अगली तारीख तय करके अपने घर पर रिश्तेदारों व अन्य लोगों को बुलाकर कार्यक्रम कर लेते हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होती है।

एक शादी पर खर्च होंगे एक लाख रुपये
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इस धनराशि को बढ़ा दिया गया है। एक युवती की शादी पर अब एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। शादी होने पर 60 हजार रुपये युवती के खाते में जबकि 25 हजार रुपये से चांदी के जेवर, बर्तन, कपड़े समेत अन्य सामान दिया जाएगा। पंद्रह हजार रुपये खाने व टेंट पर खर्च होंगे।

- योजना के तहत पात्रों को ही लाभ मिले, इसके लिए सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जो भी अपात्र मिले, उनके आवेदन निरस्त किये जा रहे हैं। पंचायत व पालिका स्तर पर जांच के बाद जिला स्तरीय अधिकारी भी जांच करेंगे। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्रों को योजना का लाभ देते हुए विवाह समारोह का आयोजन किया जाएगा। - पंखुरी जैन, जिला समाज कल्याण अधिकारी
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed