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Amroha News: बावनखेड़ी की शबनम के पिता की भूमि विवाद के मामले में जांच पूरी
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हसनपुर। बावनखेड़ी की शबनम के पिता मरहूम शौकत अली की भूमि को लेकर चला आ रहा विवाद के मामले में डीएम के निर्देश पर जांच लेखपाल ने पूरी कर ली है। इसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार को सौंपी गई है।
करीब 16 साल पहले 2008 में बावनखेड़ी निवासी शौकत अली की बेटी शबनम ने गांव के ही प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पिता सहित परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से कत्ल कर दिया था। दोनों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इस हत्याकांड के बाद सातों शव उसी घर के परिसर में कब्र खोदकर दफना दिए गए थे। इसके बाद शौकत अली का घर खाली हो गया था। उधर, मौके की नजाकत को देखते हुए मरहूम शौकत अली के छोटे भाई सत्तार अली परिवार के साथ शौकत के घर में रहने लगे और अब तक रह रहे हैं।
मरहूम शौकत अली का घर एक बड़े क्षेत्रफल में बना हुआ है। इसमें जिस हिस्से में कब्र हैं, उस तरफ करीब दो बीघा जमीन को लेकर विवाद है। शौकत के तहेरे भाई वजीर अली ने उक्त जमीन पर अपना मालिकाना हक होने का दावा करते हुए 13 मई 2025 को हसनपुर निवासी कौसर जहां को बेच दिया था। 27 अगस्त 2025 को कौसर जहां जेसीबी लेकर खरीदी गई जमीन पर कब्जा करने गईं थी, जिसका कुछ ग्रामीणों और शौकत अली के भाई सत्तार अली के परिवार ने विरोध करते हुए हंगामा कर दिया था। इसकी वजह से रूबी कौसर कब्जा नहीं ले पाई थीं। तभी से लेकर विवाद चल रहा है।
इसके बाद 13 दिसंबर 2025 को हसनपुर थाना समाधान दिवस में डीएम और एसपी के समक्ष दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर अपना-अपना पक्ष रखा था। डीएम निधि गुप्ता वत्स ने दोनों पक्षों की बात सुनते हुए जांच के लिए लेखपाल लोकेश कुमार के साथ तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। लेखपाल लोकेश कुमार ने जांच पूरी कर उसकी रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी है।
ये है लेखपाल की रिपोर्ट
-लेखपाल लोकेश कुमार ने तहसीलदार को सौंपी जांच रिपोर्ट में बताया कि है कि बावनखेड़ी में स्थित विवादित भूमि की गाटा संख्या 08 में रकबा 0.7940 हेक्टेयर है। राजस्व अभिलेखों में ये संक्रमणीय भूमि दर्ज है। जिस पर कौसर जहां व शौकत अली का नाम अन्य सह खातेदारों के रूप में दर्ज है। इस भूमि में कौसर जहां का अंश 0.1281 हे. है व शौकत अली का अंश 0.0520 हे. है। शौकत अली की मृत्यु 14 अप्रैल 2008 को हो चुकी है। उसकी जगह उनके भाई सत्तार का कब्जा है। इस संबंध में एक वाद न्यायालय में भी विचाराधीन है।
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-बावनखेड़ी विवादित भूमि के मामले में लेखपाल द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया है। इसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा। उच्चाधिकारियों द्वारा ही लिया जाएगा।
-- परमानंद श्रीवास्तव, तहसीलदार, हसनपुर।
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यह है बावनखेड़ी हत्याकांड का पूरा मामला
बावनखेड़ी गांव निवासी शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधू अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। पिता ने अपनी इकलौती बेटी शबनम को नाजों से पाला था। उसे बेहतर तालीम भी दिलाई गई थी। अंग्रेजी से एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद शबनम शिक्षामित्र बन गई। इसके कुछ ही समय बाद शबनम का गांव के ही आठवीं पास सलीम से प्रेम हो गया। शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। इसके कारण शबनम के परिवार को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था। इसके बावजूद दोनों का मिलना-जुलना जारी रहा। 14 अप्रैल 2008 की रात को दोनों ने मिलकर पिता शौकत अली, मां हाशमी, इंजीनियर भाई अनीश, भाभी अंजुम, बीटेक के छात्र भाई राशिद, फुफेरी बहन राबिया के कुल्हाड़ी से काटकर और 11 माह के भतीजे अर्श की गला घोटकर हत्या कर दी थी। 19 अप्रैल को हसनपुर कोतवाली पुलिस ने सलीम को गिरफ्तार कर तालाब से हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और खून से सने कपड़े बरामद किए थे। बाद में शबनम को भी गिरफ्तार कर दोनों को जेल भेज दिया था।
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मरहूम शौकत अली का घर एक बड़े क्षेत्रफल में बना हुआ है। इसमें जिस हिस्से में कब्र हैं, उस तरफ करीब दो बीघा जमीन को लेकर विवाद है। शौकत के तहेरे भाई वजीर अली ने उक्त जमीन पर अपना मालिकाना हक होने का दावा करते हुए 13 मई 2025 को हसनपुर निवासी कौसर जहां को बेच दिया था। 27 अगस्त 2025 को कौसर जहां जेसीबी लेकर खरीदी गई जमीन पर कब्जा करने गईं थी, जिसका कुछ ग्रामीणों और शौकत अली के भाई सत्तार अली के परिवार ने विरोध करते हुए हंगामा कर दिया था। इसकी वजह से रूबी कौसर कब्जा नहीं ले पाई थीं। तभी से लेकर विवाद चल रहा है।
इसके बाद 13 दिसंबर 2025 को हसनपुर थाना समाधान दिवस में डीएम और एसपी के समक्ष दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर अपना-अपना पक्ष रखा था। डीएम निधि गुप्ता वत्स ने दोनों पक्षों की बात सुनते हुए जांच के लिए लेखपाल लोकेश कुमार के साथ तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। लेखपाल लोकेश कुमार ने जांच पूरी कर उसकी रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी है।
ये है लेखपाल की रिपोर्ट
-लेखपाल लोकेश कुमार ने तहसीलदार को सौंपी जांच रिपोर्ट में बताया कि है कि बावनखेड़ी में स्थित विवादित भूमि की गाटा संख्या 08 में रकबा 0.7940 हेक्टेयर है। राजस्व अभिलेखों में ये संक्रमणीय भूमि दर्ज है। जिस पर कौसर जहां व शौकत अली का नाम अन्य सह खातेदारों के रूप में दर्ज है। इस भूमि में कौसर जहां का अंश 0.1281 हे. है व शौकत अली का अंश 0.0520 हे. है। शौकत अली की मृत्यु 14 अप्रैल 2008 को हो चुकी है। उसकी जगह उनके भाई सत्तार का कब्जा है। इस संबंध में एक वाद न्यायालय में भी विचाराधीन है।
-बावनखेड़ी विवादित भूमि के मामले में लेखपाल द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया है। इसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा। उच्चाधिकारियों द्वारा ही लिया जाएगा।
यह है बावनखेड़ी हत्याकांड का पूरा मामला
बावनखेड़ी गांव निवासी शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधू अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। पिता ने अपनी इकलौती बेटी शबनम को नाजों से पाला था। उसे बेहतर तालीम भी दिलाई गई थी। अंग्रेजी से एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद शबनम शिक्षामित्र बन गई। इसके कुछ ही समय बाद शबनम का गांव के ही आठवीं पास सलीम से प्रेम हो गया। शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। इसके कारण शबनम के परिवार को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था। इसके बावजूद दोनों का मिलना-जुलना जारी रहा। 14 अप्रैल 2008 की रात को दोनों ने मिलकर पिता शौकत अली, मां हाशमी, इंजीनियर भाई अनीश, भाभी अंजुम, बीटेक के छात्र भाई राशिद, फुफेरी बहन राबिया के कुल्हाड़ी से काटकर और 11 माह के भतीजे अर्श की गला घोटकर हत्या कर दी थी। 19 अप्रैल को हसनपुर कोतवाली पुलिस ने सलीम को गिरफ्तार कर तालाब से हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और खून से सने कपड़े बरामद किए थे। बाद में शबनम को भी गिरफ्तार कर दोनों को जेल भेज दिया था।
