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Amroha News: आंधी-बारिश से बढ़ीं आम उत्पादकों की धड़कनें
संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा
Updated Fri, 09 May 2025 01:32 AM IST
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अमरोहा। बेमौसम आंधी-बारिश ने 15 मिनट तक जमकर कहर भर पाया। बड़ी संख्या में आम टूटकर गिर पड़े। फसल का नुकसान होता देख उत्पादकों की धड़कनें बढ़ गईं। आम के सीजन में यह तीसरी आंधी है। यही हालात रहे तो आम की फसल को भारी नुकसान होगा। ऐसे स्थिति में आम को निर्यात करना तो दूर खाने के लिए भी तलाशना पड़ेगा।
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिलेभर में 22 हजार हेक्टेयर में आम की खेती होती है। अमरोहा का आम देश-विदेशों तक निर्यात होता है। इस बार आम की अच्छी फसल की पैदावार की उम्मीद थी। लेकिन, आंधी-बारिश आम पर आफत बनकर टूटी है। चेपा और गिडार ने आम की फसल को बर्बादी की कगार पर लाकर पटक दिया है। आंधी ने कच्चा आम को जमीन पर पटक कर रख दिया। वैसे तो यह साल आम की अच्छी फसल वाला है, लेकिन पेड़ों को देखकर किसान मायूस हो जाते हैं।
आम उत्पादक जय करन सिंह ने बताया कि लगातार इस सीजन तीन आंधी-बारिश ने करीब 25 से 30 फीसदी आम की फसल को बर्बाद कर दिया है। बुधवार को भी सुबह, दोपहर और शाम तक मौसम का मिजाज बदलता रहा। कभी आसमान में बादल छाए, तो चटकदार धूप ने अपने तेवर दिखाए। वहीं, बृहस्पतिवार दोपहर करीब ढाई बजे आंधी-बारिश आईं तो आम उत्पादकों की धड़कनें बढ़ गईं। आम उत्पादक लोकेंद्र सिंह के मुताबिक पिछली चार आंधी-बारिश ने किसान और आम कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अगर फिर आंधी बारिश ने दस्तक दी तो आम को भारी नुकसान होना स्वाभाविक है।
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कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिलेभर में 22 हजार हेक्टेयर में आम की खेती होती है। अमरोहा का आम देश-विदेशों तक निर्यात होता है। इस बार आम की अच्छी फसल की पैदावार की उम्मीद थी। लेकिन, आंधी-बारिश आम पर आफत बनकर टूटी है। चेपा और गिडार ने आम की फसल को बर्बादी की कगार पर लाकर पटक दिया है। आंधी ने कच्चा आम को जमीन पर पटक कर रख दिया। वैसे तो यह साल आम की अच्छी फसल वाला है, लेकिन पेड़ों को देखकर किसान मायूस हो जाते हैं।
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आम उत्पादक जय करन सिंह ने बताया कि लगातार इस सीजन तीन आंधी-बारिश ने करीब 25 से 30 फीसदी आम की फसल को बर्बाद कर दिया है। बुधवार को भी सुबह, दोपहर और शाम तक मौसम का मिजाज बदलता रहा। कभी आसमान में बादल छाए, तो चटकदार धूप ने अपने तेवर दिखाए। वहीं, बृहस्पतिवार दोपहर करीब ढाई बजे आंधी-बारिश आईं तो आम उत्पादकों की धड़कनें बढ़ गईं। आम उत्पादक लोकेंद्र सिंह के मुताबिक पिछली चार आंधी-बारिश ने किसान और आम कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अगर फिर आंधी बारिश ने दस्तक दी तो आम को भारी नुकसान होना स्वाभाविक है।