{"_id":"691b6459358b462dfd08777c","slug":"accused-acquitted-due-to-victims-hostile-testimony-auraiya-news-c-211-1-aur1009-134608-2025-11-17","type":"story","status":"publish","title_hn":"Auraiya News: पीड़िता की पक्षद्रोही गवाही पर आरोपी दोषमुक्त","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Auraiya News: पीड़िता की पक्षद्रोही गवाही पर आरोपी दोषमुक्त
विज्ञापन
विज्ञापन
औरैया। दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की पक्षद्रोही गवाही और साक्ष्यों के अभाव में अपर जिला जज एफटीसी प्रथम ने सोमवार को आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। पीड़िता की मां की तरफ से 12 साल पहले आरोपी के खिलाफ फफूंद थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
फफूंद थाने में 10 अप्रैल 2013 को पुलिस ने कन्नौज थाना तालग्राम के गांव चांदपुर निवासी गौरीशंकर उर्फ अजय बंजारा पर किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की थी। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि 16 वर्षीय बेटी के साथ 31 मार्च को गौरी शंकर ने दुष्कर्म किया था। मामले में विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय मेें दाखिल किया। इसके बाद से ही लगातार मामले की सुनवाई चल रही थी। इस बीच पीड़िता के साथ ही विवेचक व अन्य गवाहों के बयान हुए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि मेडिकल जांच में पीड़िता की उम्र 18 वर्ष साबित हुई है। इसके अलावा न तो जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई और न ही कोई साक्ष्य है। इस बीच पीड़िता द्वारा भी पक्षद्रोही गवाही दी गई। उसने बताया कि 2013 में उसकी उम्र 18 वर्ष थी और उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। इसके चलते आरोप साबित नहीं हो सका। साक्ष्यों के अभाव, एफआईआर के तथ्यों च बयानों में विसंगति और पीड़िता की पक्षद्रोही गवाही के चलते न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।
Trending Videos
फफूंद थाने में 10 अप्रैल 2013 को पुलिस ने कन्नौज थाना तालग्राम के गांव चांदपुर निवासी गौरीशंकर उर्फ अजय बंजारा पर किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की थी। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि 16 वर्षीय बेटी के साथ 31 मार्च को गौरी शंकर ने दुष्कर्म किया था। मामले में विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय मेें दाखिल किया। इसके बाद से ही लगातार मामले की सुनवाई चल रही थी। इस बीच पीड़िता के साथ ही विवेचक व अन्य गवाहों के बयान हुए।
विज्ञापन
विज्ञापन
बचाव पक्ष के अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि मेडिकल जांच में पीड़िता की उम्र 18 वर्ष साबित हुई है। इसके अलावा न तो जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई और न ही कोई साक्ष्य है। इस बीच पीड़िता द्वारा भी पक्षद्रोही गवाही दी गई। उसने बताया कि 2013 में उसकी उम्र 18 वर्ष थी और उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। इसके चलते आरोप साबित नहीं हो सका। साक्ष्यों के अभाव, एफआईआर के तथ्यों च बयानों में विसंगति और पीड़िता की पक्षद्रोही गवाही के चलते न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।