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दोहरे हत्याकांड की सुनवाई शुरू, पेश हुए सपा एमएलसी कमलेश पाठक
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फोटो 23एयूआरपी36- कोर्ट में पेशी पर जाते पुलिस अभिरक्षा में सपा एमएलसी कमलेश पाठक
- फोटो : AURAIYA

औरैया। बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में डेढ़ वर्ष से जेल में निरुद्ध सपा एमएलसी कमलेश पाठक व उनके दो भाइयों समेत 11 आरोपियों पर विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में गुरुवार से सुनवाई शुरू हुई। पहले दिन मुकदमे के वादी आशीष चौबे गवाही दी। अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों ने जिरह की। कोर्ट मामले में अगली सुनवाई की तिथि 28 सितंबर मुकर्रर की है।
25 मार्च 2020 को दिनदहाड़े शहर के नरायनपुर मोहल्ला स्थित हनुमान मंदिर परिसर में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी चचेरी बहन सुधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में मौके पर मौजूद पुलिस ने सपा एमएलसी कमलेश पाठक, भाई संतोष पाठक, रामू पाठक, सरकारी गनर और कई सगे-संबंधियों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर अलग-अलग जेलों में निरुद्ध कर दिया। कमलेश पाठक आदि पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई।
आरोपियों ने रिहाई के लिए सत्र न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट में जमानत याचिकाएं दाखिल कीं, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली। पिछले माह मामले में विशेष न्यायाधीश अपर जिला जज एमपी एमएलए कोर्ट रजत सिन्हा के समक्ष आरोप तय होने के बाद गवाही पर सुनवाई तय की गई। गुरुवार को एमएलसी कमलेश पाठक को सेंट्रल जेल आगरा, भाई संतोष पाठक को फिरोजाबाद, रामू पाठक को उरई जेल व अन्य को इटावा जिला कारागार से कोर्ट में लाया गया।
कमलेश पाठक व अन्य आरोपियों के अधिवक्ता कृपानंद वाजपेयी उर्फ गोपाल, सुभाष त्रिपाठी ने धारा 302 व 307 के दोनों मुकदमों को साथ-साथ सुनने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए। जिसका अभियोजन के वकील हृदय नरायन पांडेय, शासकीय अधिवक्ता अरविंद राजपूत, रमेश चंद्र मिश्रा ने विरोध किया। अदालत ने बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को खारिज कर गवाही शुरू करा दी। पहले गवाह अधिवक्ता मंजुल के चचेरे भाई वादी आशीष चौबे पुत्र अरविंद ने गवाही दी। जिस पर बचाव पक्ष के वकील गोपाल वाजपेयी ने जिरह शुरू की। जिरह जारी है।
हृदय नारायण पांडेय, शासकीय अधिवक्ता अरविंद राजपूत ने बताया कि अगली सुनवाई की तिथि 28 सितंबर तय की गई है। उधर, आरोपित सपा नेता एमएलसी कमलेश पाठक व अन्य आरोपितों से मिलने तमाम लोग कचहरी में मौजूद रहे। पुलिस क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी के बीच न्यायिक कार्यवाही पूरी कराई गई।
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25 मार्च 2020 को दिनदहाड़े शहर के नरायनपुर मोहल्ला स्थित हनुमान मंदिर परिसर में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी चचेरी बहन सुधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में मौके पर मौजूद पुलिस ने सपा एमएलसी कमलेश पाठक, भाई संतोष पाठक, रामू पाठक, सरकारी गनर और कई सगे-संबंधियों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर अलग-अलग जेलों में निरुद्ध कर दिया। कमलेश पाठक आदि पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई।
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आरोपियों ने रिहाई के लिए सत्र न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट में जमानत याचिकाएं दाखिल कीं, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली। पिछले माह मामले में विशेष न्यायाधीश अपर जिला जज एमपी एमएलए कोर्ट रजत सिन्हा के समक्ष आरोप तय होने के बाद गवाही पर सुनवाई तय की गई। गुरुवार को एमएलसी कमलेश पाठक को सेंट्रल जेल आगरा, भाई संतोष पाठक को फिरोजाबाद, रामू पाठक को उरई जेल व अन्य को इटावा जिला कारागार से कोर्ट में लाया गया।
कमलेश पाठक व अन्य आरोपियों के अधिवक्ता कृपानंद वाजपेयी उर्फ गोपाल, सुभाष त्रिपाठी ने धारा 302 व 307 के दोनों मुकदमों को साथ-साथ सुनने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए। जिसका अभियोजन के वकील हृदय नरायन पांडेय, शासकीय अधिवक्ता अरविंद राजपूत, रमेश चंद्र मिश्रा ने विरोध किया। अदालत ने बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को खारिज कर गवाही शुरू करा दी। पहले गवाह अधिवक्ता मंजुल के चचेरे भाई वादी आशीष चौबे पुत्र अरविंद ने गवाही दी। जिस पर बचाव पक्ष के वकील गोपाल वाजपेयी ने जिरह शुरू की। जिरह जारी है।
हृदय नारायण पांडेय, शासकीय अधिवक्ता अरविंद राजपूत ने बताया कि अगली सुनवाई की तिथि 28 सितंबर तय की गई है। उधर, आरोपित सपा नेता एमएलसी कमलेश पाठक व अन्य आरोपितों से मिलने तमाम लोग कचहरी में मौजूद रहे। पुलिस क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी के बीच न्यायिक कार्यवाही पूरी कराई गई।