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Azamgarh News: जिले के 25 थानों में 1592 मामले लंबित, जांच जारी

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Mon, 08 Dec 2025 12:30 AM IST
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1592 cases pending in 25 police stations of the district, investigation continues
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अंबुज राय
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आजमगढ़। मुकदमों का बोझ कम करने के लिए सरकार ऑपरेशन कनविक्शन चला रही है लेकिन, हकीकत यह कि हजारों मामले समय पर मुकदमों की दहलीज तक नहीं पहुंच पाते। हालत यह कि 60-90 दिन में पूरी होने वाली विवेचनाएं कई-कई माह लंबी खिंचती जा रही हैं। इससे आजमगढ़ के 25 थानों 1592 मामलों की जांच चल रही है। इनमें सबसे अधिक 106 विवेचनाएं नगर कोतवाली और सबसे कम मेहनाजपुर थाने में 13 लंबित हैं। यह सारे मामले जांच अधिकारी की डायरी में ही कैद हैं और कोर्ट में समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी।



थानों में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की पड़ताल करके सही-गलत तथ्यों को जुटाती है। जांच अधिकारी अपनी रिपोर्ट के साथ इसे कोर्ट भेजता है। इसी रिपोर्ट पर कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होती है। न्याय की सबसे अहम कड़ी होने के बावजूद पुलिस इस काम में लापरवाही बरत रही है।
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जानकारों का कहना है कि सामान्य तौर पर आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अगर उस पर सात साल से कम की सजा के आरोप हैं तब इसकी विवेचना 60 दिन में पूरी कर ली जानी चाहिए, जबकि अगर आरोप सात साल की सजा से अधिक के हैं तब 90 दिन में विवेचना पूरी करके रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी होती है। अगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है लेकिन, समय सीमा में विवेचना पूरी नहीं हुई तब आरोपी को जमानत का आधार मिल जाता है। कई आरोपी इसी आधार पर कोर्ट से जमानत भी मांग चुके हैं



आजमगढ़ जनपद के 25 थानों में कुल 1592 विवेचनाएं लंबित हैं। सर्वाधिक 106 विवेचनाएं नगर कोतवाली की शेष हैं। वहीं अगर सबसे कम की बात करें तो इसमें मेहनाजपुर थाना आता है। यहां पर कुल 13 विवेचनाएं ही लंबित हैं। संवाद

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केस एक

चार नवंबर 2023 : एक व्यक्ति ने 16 वर्षीय बेटी को गांव के ही एक युवक पर भगा लेने का आरोप लगाया। मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू की। दो साल बीत गए, लेकिन अभी तक विवेचना पूरी नहीं हो सकी है। इसके कारण मामला अदालत नहीं पहुंच सका है।



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केस दो



18 नवंबर 2024 : नगर के दलसिंगार कटरा निवासिनी रागिनी कपूर ने 34 व्यक्तियों पर समूह की महिलाओं से 80 लाख की धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विवेचना एसआई राज नरायन पांडेय को सौंपी गई। इस विवेचना को एक साल से अधिक का समय बीत गया लेकिन अभी तक विवेचना भी पूरी नहीं हो सकी है।

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जिले में लंबित मामलों के विवेचनाओं की लगातार समीक्षा हो रही है। दो महीने से ऊपर के मामलों की समीक्षा सीओ स्तर से, तीन महीने से ऊपर के मामलों की समीक्षा एडिशनल स्तर के अधिकारी करते हैं। वहीं जो विवेचनाएं छह माह से अधिक समय से लंबित होती हैं, समीक्षा एसपी करते हैं। सभी को जल्द विवेचना पूरी करने का निर्देश है। अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है।

चिराग जैन, एसपी ग्रामीण।
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