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UP: वाराणसी में तैनात आरक्षी आजमगढ़ में करता था टप्पेबाजी, सरगना के साथ 6 गिरफ्तार; रुपये-मोबाइल बरामद

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: वाराणसी ब्यूरो Updated Sat, 19 Apr 2025 12:17 AM IST
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सार

आजमगढ़ के राजागंज बाजार में बीते 16 अप्रैल को हुई टप्पेबाजी में यूपी पुलिस का एक आरक्षी भी शामिल था। पड़ताल में सच्चाई सामने आते ही पुलिस ने उसे और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। 

Constable posted in Varanasi used to commit robbery in Azamgarh 6 arrested along kingpin mobile recovered
जांच में जुटी पुलिस। - फोटो : अमर उजाला डिजिटल

विस्तार
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UP Crime: आजमगढ़ के बरदह थाने की पुलिस ने राजागंज बाजार के पास से 16 अप्रैल को हुई टप्पेबाजी की घटना का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में वाराणसी में तैनात एक आरक्षी भी है। उसके पास से 85,000 रुपये नकद, 3 मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की गई है। 
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यह गिरोह असली करेंसी को फर्जी बताकर लोगों को तिगुना करने का लालच देता था। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के फैजुल्लाहपुर गांव निवासी क्षमानंद यादव 13 अप्रैल को गोसाईगंज बाजार गए थे, जहां दो व्यक्तियों ने उनसे संपर्क कर रुपये तिगुना करने का लालच दिया। 
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16 अप्रैल को राजागंज बाजार में क्षमानंद 95,000 रुपये लेकर पहुंचे। बाइक पर दो व्यक्ति आए, इनमें से एक पुलिस की वर्दी में था। वर्दीधारी व्यक्ति ने क्षमानंद के हाथ से 95,000 रुपये वाला प्लास्टिक का थैला छीन लिया और राजागंज की ओर भाग गए। पुलिस इस मामले गुरुवार को त्रिवेणी मोड़ से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।

आरोपियों में बरदह थाना क्षेत्र के बागपुर गांव निवासी आरक्षी अर्जुन भी शामिल है, जो वर्तमान में वाराणसी के राजातलाब थाने में तैनात है। साथियों में देवगांव कोतवाली क्षेत्र के कंजहित गांव निवासी शंकर उर्फ उमाशंकर, राम हरख, अरविंद गौतम, प्रदीप और रामाशीष शामिल है।

असली नोटों पर कब्ज दूर करने वाले कैप्सूल का पाउडर लगाकर उन्हें फर्जी नोट बताते थे
पुलिस की पूछताछ में आरोपी अरविंद गौतम ने बताया कि गिरोह में शामिल आरक्षी अर्जुन की अगुवाई में वे लोगों को रुपये तिगुना करने का लालच देकर फंसाते थे। शंकर और राम हरख असली नोटों पर बैद्यनाथ के कब्ज दूर करने वाले कैप्सूल का पाउडर लगाकर उन्हें फर्जी नोट बताते थे। बताया कि पाउडर के कारण पानी डालने पर नोट गुलाबी हो जाता, जिससे लोग विश्वास कर लेते।

इसके बाद ग्राहकों को सुनसान जगह पर बुलाते थे, जहां अर्जुन पुलिस वर्दी में पहुंचकर डराता और रुपये छीनकर भाग जाता था। डर के मारे पीड़ित शिकायत नहीं करते थे। बाद में गिरोह आपस में रुपये बांट लेता था। बरदह थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की है। गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश जारी है।

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