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Azamgarh News: 38 साल बाद भी पट्टे की जमीन पर नहीं मिला कब्जा
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आजमगढ़। रौनापार में शनिवार को आयोजित थाना समाधान दिवस पर फरियादियों ने अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन कई लोगों को लंबे समय से इंसाफ न मिलने की शिकायत रही। अराजी करखिया गांव के दीपचंद और बनहरा गांव के रामचंद्र सहित अन्य ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा बयां की। वहीं एक गांव में 38 साल बाद भी पट्टे की जमीन पर कब्जा नहीं मिलने का मामला भी सामने आया।
अराजी करखिया गांव निवासी दीपचंद ने समाधान दिवस पर बताया कि वह पिछले चार महीने में 50 बार थाना दिवस, तहसील दिवस और जिला मुख्यालय का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला। दीपचंद ने आरोप लगाया कि बंटवारे के बाद उनकी जमीन पर उनके बड़े भाई ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया है। उन्होंने उप जिलाधिकारी सगड़ी, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
वहीं बनहरा गांव के रामचंद्र, धन्नो, पुनवासी, श्री राम, मखंचू और शिवकुमार ने तहसीलदार संजय राय और थाना प्रभारी मकसूदन मिश्रा के सामने अपनी शिकायत रखी। इन ग्रामीणों ने बताया कि 1987 में उन्हें आवास के लिए 30-30 कड़ी जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था, लेकिन 38 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। शिवकुमार ने कहा कि जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है और इस मामले में मुकदमा भी चल रहा है। फरियादी थाना और तहसील के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं।
उप जिलाधिकारी सगड़ी श्याम प्रताप सिंह ने कहा कि आबादी का मामला है तो सिविल न्यायालय से ही उसका निस्तारण होगा। समाधान दिवस पर जाने से कोई फायदा नहीं है।
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अराजी करखिया गांव निवासी दीपचंद ने समाधान दिवस पर बताया कि वह पिछले चार महीने में 50 बार थाना दिवस, तहसील दिवस और जिला मुख्यालय का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला। दीपचंद ने आरोप लगाया कि बंटवारे के बाद उनकी जमीन पर उनके बड़े भाई ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया है। उन्होंने उप जिलाधिकारी सगड़ी, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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वहीं बनहरा गांव के रामचंद्र, धन्नो, पुनवासी, श्री राम, मखंचू और शिवकुमार ने तहसीलदार संजय राय और थाना प्रभारी मकसूदन मिश्रा के सामने अपनी शिकायत रखी। इन ग्रामीणों ने बताया कि 1987 में उन्हें आवास के लिए 30-30 कड़ी जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था, लेकिन 38 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। शिवकुमार ने कहा कि जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है और इस मामले में मुकदमा भी चल रहा है। फरियादी थाना और तहसील के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं।
उप जिलाधिकारी सगड़ी श्याम प्रताप सिंह ने कहा कि आबादी का मामला है तो सिविल न्यायालय से ही उसका निस्तारण होगा। समाधान दिवस पर जाने से कोई फायदा नहीं है।