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UP: 5000 रुपये मांगने का आरोपी एसआई निलंबित, मारपीट मामले में करनी थी विवेचना; पुलिस ने लिया हिरासत में

अमर उजाला नेटवर्क, आजमगढ़। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Tue, 25 Nov 2025 11:22 AM IST
सार

Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मारपीट मामले में एसआई को घूस मांगना भारी पड़ गया। एसपी ने कार्रवाई कर उसे निलंबित कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ की जा रही है।

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SI accused of demanding 5,000 rupees suspended in azamgarh police detained him for investigating assault case
आरोपी एसआई को हिरासत में लिया गया। - फोटो : संवाद
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UP Crime News: एसपी डॉ. अनिल कुमार ने घूस मांगने आरोपी एसआई को निलंबित कर दिया है। आरोपी एसआई एक व्यक्ति से मारपीट मामले की विवेचना में पांच हजार रुपये की मांग कर रहा था। आरोपी एसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।

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देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मिर्जापुर गांव निवासी आकाश चौहान ने एसपी डॉ. अनिल कुमार को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति एवं उसके साथियों ने पुरानी रंजिश के चलते उनके साथ मारपीट की थी। इस संबंध में थाना देवगांव में तीन नामजद आरोपियों के विरुद्ध अभियोग दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद द्वारा की जा रही थी।
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वादी आकाश चौहान ने आरोप लगाया कि विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद ने आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट लगाने तथा त्वरित कार्रवाई करने के नाम पर उनसे 5000 रुपये की मांग की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने मामले की जांच के लिए क्षेत्राधिकारी लालगंज को जिम्मेदारी सौंपी। 

पुलिस ने की कार्रवाई

क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई जांच में यह तथ्य प्रथमदृष्टया सत्य पाया गया कि एसआई लालबहादुर प्रसाद ने वादी से अवैध धन की मांग की थी। यह आचरण पुलिस विभाग की गरिमा, अनुशासन और आचरण संहिता के पूर्णतः विपरीत माना गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर लालबहादुर प्रसाद के विरुद्ध थाना देवगांव में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर उन्हें हिरासत में लिया गया। 

विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि विभाग किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार, अवैध धन उगाही या अनैतिक मांग को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा। 

उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा ऐसे कृत्यों के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई गई है। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ करें, अन्यथा दोषी पाए जाने पर कठोर विधिक और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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