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Baghpat : फर्जी मार्कशीट से 14 साल तक करता रहा शिक्षक की नौकरी, खुलासा हुआ तो समाप्त की गई सेवा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागपत Published by: मेरठ ब्यूरो Updated Fri, 14 Nov 2025 11:15 AM IST
सार

प्रवीण बागपत जनपद के नौरोजपुर गुर्जर गांव के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में वर्ष 2010 से तैनात शिक्षक थे। बिहार के पटना में जिस स्कूल का रोका था परीक्षा परिणाम, उससे इंटरमीडिएट की मार्कशीट उस वर्ष बनवा ली। तैनाती के पांच माह तक वेतन मिला।  अभिलेखों की जांच पूरी नहीं होने के कारण रोका था वेतन
 

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A teacher served for 14 years with a fake marksheet, now his service has been terminated.
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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बागपत जनपद के नौरोजपुर गुर्जर गांव के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में तैनात शिक्षक प्रवीण कुमार ने इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट के सहारे 14 साल तक नौकरी की। जांच हुई तो बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की वर्ष 1995 की मार्कशीट फर्जी मिलने के बाद सेवा समाप्त कर दी गई। उनसे वेतन की रिकवरी की जाएगी।

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मेरठ के पांचली के रहने वाले प्रवीण कुमार की वर्ष 2010 में नौरोजपुर गुर्जर गांव के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में सहायक शिक्षक के पद पर तैनाती की गई थी। उनको शुरू के पांच माह तक वेतन मिलता रहा। इसके बाद बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की मार्कशीट फर्जी होने की शिकायत डायट में कर दी। तभी से शिक्षक के वेतन पर रोक लगा दी गई थी और अभिलेखों का सत्यापन न होने तक वेतन जारी नहीं करने के निर्देश दिए थे।
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शिक्षक के अभिलेखों की जांच करने में बेसिक शिक्षा विभाग को 14 साल लग गए। कई बार शिक्षक से इंटरमीडिएट की मार्कशीट मांगी गई, लेकिन वह नहीं दे सके। जांच पूरी होने के बाद शिक्षक की दो दिन पहले सेवा समाप्त कर दी गई और अब पांच माह के वेतन की रिकवरी की जाएगी।


 

जिस स्कूल की दिखाई मार्कशीट, वहां के परीक्षा परिणाम पर लगी थी रोक
शिक्षक प्रवीण कुमार ने बिहार के पटना स्थित वीर कुंवर सिंह विद्यालय से वर्ष 1995 में इंटर उत्तीर्ण करने की मार्कशीट अभिलेख में लगा रखी थी, जबकि इस विद्यालय की वर्ष 1995 में मान्यता रद्द करके परीक्षा परिणाम पर रोक लगाई गई थी। जब इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुआ था तो शिक्षक मार्कशीट कहां से लेकर आया। इसको फर्जी मानते हुए शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई है।

14 साल से विद्यालय में बिना वेतन के करता रहा नौकरी
शिक्षक प्रवीण कुमार भी इस उम्मीद से 14 साल तक विद्यालय में नौकरी करता रहा कि उसकी जांच कभी न कभी पूरी होगी। जब जांच पूरी होगी तो 14 साल का वेतन मिल जाएगा, लेकिन इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट ने शिक्षक की उम्मीद पर पानी फेर दिया।

- मेरी मार्कशीट फर्जी नहीं थी, उसपर केवल क्रमांक गलत दर्ज था। मैं इस मामले में कोर्ट में जाऊंगा और वहां पूरी बात को रखा जाएगा। - प्रवीण कुमार
- शिक्षक प्रवीण कुमार की इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट होने के कारण सेवा समाप्त कर दी गई है। इससे शासन को अवगत करा दिया गया है। शिक्षक को दिए गए वेतन की रिकवरी भी की जाएगी। - गीता चौधरी, बीएसए

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