एंटी रेबीज का इलाज: यूपी के इस जिले में कुत्तों-बिल्लियों और बंदरों का आतंक, एक दिन में 115 लोगों को काटा
बागपत, बड़ौत, खेकड़ा व बिनौली में कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों के हमलों से 115 लोग घायल हुए। जिला अस्पताल व सीएचसी में 300 लोगों को एंटी-रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। प्रशासन ने नियंत्रण अभियान की तैयारी की।
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बागपत जिले में आवारा कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रविवार से लेकर सोमवार सुबह तक 115 लोगों को काट लिया गया। जिला अस्पताल और विभिन्न सीएचसी पर सोमवार को कुल 300 लोगों को एंटी-रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया, जिनमें से 115 को पिछले 24 घंटों में काटा गया था। बागपत, बड़ौत, खेकड़ा और बिनौली समेत अन्य जगहों पर कुत्तों और बिल्लियों के हमले आम हो गए हैं, वहीं बंदरों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
जिला अस्पताल में 26 लोगों को कुत्तों के काटने पर एंटी-रेबीज लगाया गया। खेकड़ा सीएचसी में कुत्ते और बंदरों के काटने के कुल 41 मामले आए, जबकि बिनौली में कुत्ते और बंदरों के 50 मामले दर्ज हुए। बड़ौत में 60 लोगों ने कुत्तों और 15 लोगों ने बंदरों व बिल्लियों के काटने पर इलाज कराया। प्रभावित लोगों में मलकपुर, बरनावा, खेकड़ा और बड़ौत के निवासी शामिल हैं।
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ग्रामीणों ने बताया कि गली में कुत्तों की संख्या बढ़ रही है और घरों की छतों पर बंदरों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। कई बार नगर पालिका को शिकायत की गई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। प्रभावित लोगों ने बताया कि कुत्तों और बंदरों के हमले बच्चों और वृद्धों के लिए भी खतरा बन गए हैं।
सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कुत्तों और बंदरों को पकड़वाने के लिए अभियान चलाया जाएगा और नगर निकायों व ग्राम पंचायतों को पत्र भेजा गया है। इसका उद्देश्य लोगों को राहत देना और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।