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Baghpat News: स्वास्थ्य उपकेंद्रों का जल्द होगा कायाकल्प, विभाग ने चिह्नित किए
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संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। जिले में खंडहर हो चुके है स्वास्थ्य उपकेंद्रोें का अब जल्द ही कायाकल्प होता नजर आएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रों को चिह्नित कर लिया और डीएम की स्वीकृति करने के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया, ताकि इनकी मरम्मत कराकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
जिले में 15 से अधिक स्वास्थ्य उपकेंद्र खंडहर हालत में हैं। इन केंद्रों में चिकित्सक व स्टाफ नहीं होने के कारण मरीजों को उपचार तक नहीं मिल पा रहा था।
इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी और उन्हें उपचार के लिए मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है। गढ़ी कलंजरी, लहचौड़ा, खट्टा प्रहलादपुर, गांगनौली, चमरावल, विनयपुर, पुरा महादेव सहित आदि स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति को लेकर अमर उजाला ने खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और स्वास्थ्य उपकेंद्रों का आंकलन कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया।
विभाग ने तीन करोड़ से अधिक रुपये का प्रस्ताव तैयार कराकर शासन को भेजा है, ताकि उनकी मरम्मत कराने के बाद वहां चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात कर लोगों को उपचार दिया जा सके।

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बागपत। जिले में खंडहर हो चुके है स्वास्थ्य उपकेंद्रोें का अब जल्द ही कायाकल्प होता नजर आएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रों को चिह्नित कर लिया और डीएम की स्वीकृति करने के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया, ताकि इनकी मरम्मत कराकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
जिले में 15 से अधिक स्वास्थ्य उपकेंद्र खंडहर हालत में हैं। इन केंद्रों में चिकित्सक व स्टाफ नहीं होने के कारण मरीजों को उपचार तक नहीं मिल पा रहा था।
इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी और उन्हें उपचार के लिए मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है। गढ़ी कलंजरी, लहचौड़ा, खट्टा प्रहलादपुर, गांगनौली, चमरावल, विनयपुर, पुरा महादेव सहित आदि स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति को लेकर अमर उजाला ने खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और स्वास्थ्य उपकेंद्रों का आंकलन कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया।
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विभाग ने तीन करोड़ से अधिक रुपये का प्रस्ताव तैयार कराकर शासन को भेजा है, ताकि उनकी मरम्मत कराने के बाद वहां चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात कर लोगों को उपचार दिया जा सके।